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सत्ता के लिए बीजेपी का झूठ, बेरोजगारों के वोट की लूट

लखनऊ; बेसिक शिक्षा निदेशालय पर बीएड-टीईटी पास अभ्यर्थी एक महीने से इसी तरह धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. ये लड़ाई इनके उस हक की है, जिसे देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट भी दे चुका है. अदालत ने इन अभ्यर्थियों को नियुक्त करने का फैसला सुनाया है, जिसे यूपी सरकार मान नहीं रही है.

बीएड टीईटी पास इन बेरोजगारों ने 2011 में 72825 पदों के लिए निकली शिक्षक भर्ती में अप्लाई किया था. तब मायावती का दौर था, फिर अखिलेश के आने से मामला कोर्ट में चला गया. भर्तियां लटक गईं. अब बीजेपी सरकार है, वो इनको नियुक्ति दिए बिना ही नई भर्ती कर रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के साफ निर्देश हैं कि जब तक पहले अप्लाई करने वालों को नौकरी नहीं दी जाती, तब तक कोई नई भर्ती नहीं होगी.
ये सब तब हो रहा है जबकि खुद बीजेपी के बड़े नेताओं ने इनको नौकरी देने का चुनावी वादा किया था. ऐसा सीएम योगी ने भी बोला था. और संसद में खड़े होकर बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने भी इन बेरोजगारों के पक्ष में बयान दिए थे.
लेकिन वो तब की बातें हैं, जब बीजेपी विपक्ष में थी. अब उसकी केंद्र और राज्य में सरकार है. बीजेपी वालों को अपना किया वादा याद नहीं है और यूपी के बेरोजगार नौकरी के लिए आंदोलन कर रहे हैं.
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