राज प्रताप उन अधिकारियो में है जिन्हें हर समय बेसिक शिक्षा एवं बीएड टेट वालो को बर्बाद करने के लिए याद किया जायेगा इस अधिकारी ने कभी भी सही निर्णय नही लिया इसी अधिकारी के कारण आज बीएड वाले
बेरोजगार है और शिक्षा मित्रों की समस्या हैएडेड जूनियर विद्यालय बर्बाद हो गए उनमे छात्र संख्या पद्सर्जन होने के बावजूद सिक्षक नियुक्त अनुमति नही डिजिसे विद्यालय बंद होने की कगार पढ़ाई जब अनुमति दी तो चार एक की जिन विद्यलयो में अधिकछात्र संख्या है वह छात्र सिक्षक न होने से नाम मात्र के रह गए था माद्यमिक के संबद्ध प्राइमरी में बी टी सी वालो की जगह बीएड वालो की नियुक्त कर दी जो कानूनन गलत है लेकिन कोई भी एक्सन नही लिया और विवाद की स्थित उत्पन्न कर दी आज लखनऊ में जो हजारो बी एड टेट पास धर्नर में बैठे है इसी अधिकारी के कार्य का परिणाम है इसी तरह जब 2014 से बीएड वालो की नियुक्ति गलत थी परंतु नियुज्ति दी अब उसी आधार परजब दूसरे मांग करते है तो अनुमति देने में कानून का हवाला दे रहे है और हमारी बेसिक शिक्षा मंत्री भी का ज्ञान इतना है कि उनसे कोई बात कहने में वह कहती है कि यह सही है या तो होना चाहिए लेकिन होता कुछ भी नही हम बेरोज गारो केसमक्ष वर्तमान में बिना संगठित हो कर अपनी क्षमता दिखाये कुछ भी नही मिलेगा
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