लखनऊ : डेढ़ साल पहले सपा सरकार में किए गए वादे पूरे न होने और पिछले
एक साल में भाजपा सरकार के साथ एक भी बैठक न हो पाने के विरोध में राज्य
कर्मचारी और शिक्षक बुधवार को चिलचिलाती धूप में सड़कों पर उतर आए। प्रदेश
के सभी जिलों में उन्होंने बाइक रैली निकाल कर हुंकार भरी।
राजधानी में
राज्य सरकार के सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और सभी जिलों में
जिलाधिकारियों के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर निर्णयों पर अमल कराने
की मांग की।1कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र व
संयोजक सतीश कुमार पांडेय ने बताया कि 18 सूत्री मांगों पर 19 सितंबर, 2016
को तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कई मांगों पर निर्णय लिए गए थे,
लेकिन इन निर्णयों को लागू नहीं किया गया। मोर्चा पदाधिकारियों ने कहा कि
मांगों के समर्थन में कर्मचारी व शिक्षक सात व आठ जून को दो दिन का कार्य
बहिष्कार करेंगे। इस पर भी शासनादेश जारी न किए गए तो अनिश्चितकालीन हड़ताल
कर दी जाएगी। पदाधिकारियों ने कहा कि बीते एक साल में मुख्यमंत्री व मुख्य
सचिव से कई बार आग्रह करने के बावजूद एक भी बैठक नहीं हुई, जिसकी वजह से
सभी मांगें लंबित पड़ी हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि मांगों पर सुनवाई न
होने के कारण प्रत्येक कर्मचारी को प्रतिमाह कम से कम दो हजार रुपये का
नुकसान हो रहा है। रैली में कर्मचारियों के शामिल होने से सरकारी सेवाएं भी
प्रभावित हुईं।
कर्मचारियों के मुताबिक इससे अस्पतालों में दवा वितरण, नर्सिग, ब्लड बैंक व
पैथोलॉजी सहित अन्य सेवाएं बाधित रहीं, जबकि निजी चीनी मिलों के सर्वेक्षण
सहित वन विभाग, जवाहर भवन, इंदिरा भवन, लोक निर्माण विभाग, विकास भवन,
समाज कल्याण, विकास प्राधिकरण व नगर निगम सहित विभिन्न मुख्यालयों पर दिन
भर रैली के कारण कार्य बाधित रहा। 1शास्त्री भवन के सामने रैली निकाल कर
प्रदर्शन करते राज्य कर्मचारी संघ के सदस्य।
सभी जिलों में बाइक रैली के बाद डीएम के जरिये सीएम को भेजा ज्ञापन
मांगों पर विचार न होने पर सात व आठ जून को हड़ताल की दी चेतावनी
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