प्रदेश में दो वर्ष निवास करने वाले ही दे सकेंगे यूपी बोर्ड परीक्षा: व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की पंजीकरण व अग्रसारण नीति 2019 जारी, राजकीय कालेजों को ही अग्रसारण केंद्र बने

इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2019 में बाहरी प्रदेशों के व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को लेकर प्रशासन अभी से सतर्क हो गया है। नई पंजीकरण व अग्रसारण नीति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि
प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थी व विदेशी नागरिकों को व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में शामिल होने की अनुमति तभी दी जाए, जब वे प्रदेश में दो वर्ष निवास करने का प्रमाणपत्र परीक्षा आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत करें। यही नहीं इस संबंध में शासन अगल से आदेश जारी करने की तैयारी में है। निर्देश में यह भी कहा गया है कि ये नियम अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों, कश्मीरी विस्थापितों पर लागू नहीं होगा।

यूपी बोर्ड कक्षा 9 व 11 का ऑनलाइन पंजीकरण व 10वीं और 12वीं संस्थागत अभ्यर्थियों का परीक्षा फार्म भरवा रहा है। इसी बीच व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की समग्र नीति जारी की हुई है। असल में 2001 में पहली बार नीति जारी हुई थी, उसके बाद से अलग-अलग वर्षो में नए नियमों को जारी किया जाता रहा। इस बार अब तक के सभी निर्देश एक साथ जारी हुए हैं। यूपी बोर्ड की 2018 परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के इम्तिहान छोड़े जाने पर कहा गया था कि इसमें अधिकांश गैर प्रांत के परीक्षार्थी हैं, जो नकल न होने पर भाग खड़े हुए। इस बार ऐसे अभ्यर्थियों की विशेष निगरानी हो रही है, ताकि परीक्षा के समय किरकिरी न हो। निर्देश है कि इन परीक्षार्थियों का अग्रसारण केंद्र राजकीय कालेजों को ही बनाया जाए, जिन जिलों में ऐसे कालेज कम हैं वहां अच्छी ख्याति वाले अशासकीय कालेज को मौका दें। व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के लिए आवेदन पत्र वेबसाइट, डीआइओएस कार्यालय, तहसील मुख्यालय व ब्लाक स्तर तक मुहैया कराया जाए। साथ ही जिलाधिकारी कार्यालय आदि पर उसका प्रारूप चस्पा किया जाए।

नीति में कहा गया है कि जिन कालेजों में विगत वर्षो में सामूहिक नकल, गलत अभ्यर्थियों का अग्रसारण जैसी अन्य अनियमितताएं हुईं हों, उन्हें अग्रसारण केंद्र न बनाया जाए। एक केंद्र से हाईस्कूल के 600 व इंटर के 400 अधिकतम एक हजार अभ्यर्थियों को ही अग्रसारित किया जा सकता है। ऐसे ही जिन्हें इंटर में पत्रचार का पंजीकरण केंद्र बनाया गया है, उन्हें व्यक्तिगत परीक्षार्थियों का अग्रसारण केंद्र न बनाया जाए। हालांकि हाईस्कूल में यह मौका उस कालेज को दिया जा सकता है। इन केंद्रों को यूपी बोर्ड से सीधे आवेदन पत्र न दिए जाएंगे और न ही स्वीकार होंगे। विस्तृत सूचना यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड की गई है।