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जुगाड़ के गुरुजी अब नहीं चलेंगे

श्रावस्ती : परिषदीय विद्यालयों में जुगाड़ के सहारे दूसरे से नौकरी करवा रहे शिक्षकों को अब सावधान होने की जरुरत है। विभाग ने ऐसे लागों पर नकेल कसने के लिए पूर्णकालिक हल खोज लिया है।
अब खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मी तक पहचान पत्र से लैस होंगे। इसी बहाने विभाग पिछले दिनों फर्जी शिक्षक पकड़े जाने से हुई किरकिरी का डैमेज कंट्रोल भी करने की तैयारी में है।
जिले में बड़ी संख्या में गैर जनपद के शिक्षक तैनात हैं। इनमें से कुछ स्थानीय स्तर पर 12वीं अथवा स्नातक पास लोगों को मामूली रुपये देकर अपनी जगह पर तैनात कर रखा है। यह शिक्षक खुद घर रहते हैं और महीने में एक-दो बार ही सिर्फ वेतन निकालने और हिस्सा बांटने के लिए यहां आते हैं। स्कूल की जांच के दौरान पहचान की पुष्टि नहीं हो पाती है। इस व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों को पहचान पत्र जारी करने का निर्णय लिया है। बीएसए खंड शिक्षा अधिकारियों का पहचान पत्र जारी करेंगे। बीईओ परिषदीय व कस्तूरबा विद्यालय के शिक्षकों, अनुदेशकों व अन्य कर्मियों को पहचान पत्र देंगे। इस व्यवस्था में एबीआरसी व एनपीआरसी का भी पहचान पत्र जारी किया जाएगा। सभी शिक्षकों व कर्मियों को यह पहचान पत्र अनिवार्य रूप से हमेशा अपने पास रखना होगा। स्कूल की जांच के दौरान पहचान पत्र से वास्तविक शिक्षक का भी मिलान किया जाएगा।

कुल 2610 शिक्षक हैं तैनात
जिले के 888 प्राथमिक व 391 उच्च प्राथमिक विद्यालय स्थित हैं। हाल में हुई शिक्षकों की भर्ती के बाद यहां वर्तमान में कुल 2610 शिक्षक तैनात हैं। इनमें से 24 एबीआरसी व 54 एनपीआरसी हैं। पांच ब्लॉक में तीन खंड शिक्षा अधिकारी तैनात हैं। इनमें से एक लंबे समय से चिकित्सकीय अवकाश पर हैं।
जिले में फर्जी शिक्षक मिलने के बाद व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों को पहचान पत्र देना भी इसी व्यवस्था का हिस्सा है। इससे असली और नकली की पहचान आसानी से हो सकेगी। पहचान पत्र देने के लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं। शीघ्र ही इसका वितरण किया जाएगा।


ओमकार राणा, बीएसए

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