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बेसिक शिक्षा अधिकारी आम तौर पर जिलों में शिक्षकों की स्थिति, छात्र संख्या, पुस्तकों, बैग, जूते-मोजे आदि का विवरण शासन के समक्ष जिलेवार ही रखते हैं। इससे बहुत बार सही स्थिति सामने नहीं आ पाती है। कई बार अधिकारी सब दुरुस्त बताते हैं जबकि बहुत से स्कूल एकल शिक्षक वाले होते हैं। अक्सर कुछ स्कूलों में स्थिति ठीक न होने के चलते पूरे विभाग की किरकिरी होती है। इसलिए हर स्कूल का ब्योरा ऑनलाइन करने का फैसला किया गया है। पोर्टल पर स्कूल की फोटो, शिक्षक, छात्र-संख्या, पुस्तक, यूनिफॉर्म, बैग, जूते-मोजे के वितरण का विवरण ऑनलाइन होगा। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा प्रभात कुमार ने इसके लिए अफसरों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
फर्जी छात्र संख्या पर भी कसेगा शिकंजा!
विभाग पायलट प्रॉजक्ट के तौर पर कुछ स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति को भी बायोमीट्रिक सिस्टम से जोड़ने की तैयारी में है। इसी के आधार पर मिड-डे मील का आवंटन किया जाएगा। अन्य योजनाओं में भी वास्तविक उपस्थिति के आधार पर लाभार्थी बच्चों की संख्या जांची जा सकेगी। इससे संख्या बढ़ाकर फर्जीवाड़े करने का खेल रोका जा सकेगा। वहीं, जिन स्कूलों में जगह है, वहां किचन गार्डन विकसित किया जाएगा। इसके लिए हार्टिकल्चर विभाग की मदद ली जाएगी।
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