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बीएड टेट 2011 की फीकी रहेगी दीपावाली, शिक्षामित्रों की हो सकती बल्ले-बल्ले !: कमेटी रिर्पोट का इन्तजार कर रहे अचयनितो के लिए कुछ भी नही

बीएड टेट 2011 की फीकी रहेगी
दीपावाली शिक्षा मित्रो की बल्ले-बल्ले


»कमेटी अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री डा० दिनेश शर्मा का दो टूक जवाब-पहले शिक्षा मित्र

»कमेटी रिर्पोट का इन्तजार कर
रहे अचयनितो के लिए कुछ भी नही

लखनऊ। सावधान सर्तक रहे कही ऐसा न हो आप इंतजार ही करते रह जाए। जी हाँ यह सच है। सुप्रीम कोर्ट आर्डर आने के बाद बीएड टेट 2011 के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है। मुख्यमंत्री स्तर तक कई चक्र की वार्ता के बाद नतीजा अब तक सिफर ही रहा।सिवायआश्वसनो के कुछ भी हाथ नही मिला।

बीएड टेट व शिक्षा मित्रों की मांगो के निराकरण को लेकर बनी कमेटी ने शिक्षा मित्रों पर ही रिर्पोट दी। बीएड टेट प्रकरण को सरकार ने एक बार फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया। कमेटी अध्यक्ष डिप्टी सीएम ने सोमवार को दो टूक जवाब दिया।बीएड टेट पर दीपावली बाद विचार किया जाएगा।

अगर अभी भी अचयनित सरकार से उम्मीद की आस लगाए है तो वो खुद को धोखे मे रख रहे है। सरकार से कुछ मिलने वाला नही। जो भी मिलेगा सुप्रीम कोर्ट से ही।नेतागिरी,धरना प्रर्दशन से नही।


योगी सरकार भी पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार की राह पर चल रही। दीपावली से पहले शिक्षा मित्रों का मानदेय 17500 प्रति माह की घोषणा की जा सकती है।

25 जुलाई2017 आर्डर को समझे। अंतरिम आदेश और न्यूएड जिस पर कोर्ट की लिबर्टी मिली है दोनो एक दूसरे के पूरक है। एक ही मे समाहित है।दोनो को अलग करके कुछ भी  मिलने वाला नही। न्यूएड पर भर्ती प्रक्रिया बहाल होते ही अंतरिम आदेश का पालन करना राज्य सरकार की कानूनी बाध्यता है। इस सत्य को सभी लोग समझ ले। स्वीकार करे। सरकार के आश्वासनो के सहारे उम्मीदें न पाले।

एक बार पूरी ताकत सुप्रीम कोर्ट में25 जुलाई2017 लिबर्टी न्यूएड विज्ञापन बहाली पर लगा दे जिस पर एक दिन की काउंसलिंग290 करोड़ जमा है। इसी मे सभी अचयनितो का हित समाहित है।

सरकार बीएड टेट के साथ आंख मिचौली का खेल खेल रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक ने जिन्हें बाहर का रास्ता दिखाया। सरकारे उन्ही पर मेहरबान रही। सत्ता का केन्द्र बिन्दु वोट बैंक की राजनीति हो गई।

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