लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में सेवाकाल के दौरान मृत शिक्षकों के आश्रित यदि
बीटीसी और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण हैं तो उन्हें लिखित
भर्ती परीक्षा से छूट देते हुए सीधे शिक्षक की नौकरी दी जाएगी। सोमवार को
बेसिक शिक्षा परिषद की बैठक में यह अहम फैसला हुआ।
बेसिक शिक्षा निदेशक
कार्यालय में हुई इस बैठक में हुए इस निर्णय के पीछे तर्क यह दिया गया कि
बीटीसी और टीईटी उत्तीर्ण होना शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता
है जबकि लिखित परीक्षा भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा है। परिषद के इस फैसले पर
अंतिम निर्णय शासन लेगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि यदि एक ही परिसर में परिषदीय प्राथमिक और उच्च
प्राथमिक स्कूल संचालित हैं और कुल छात्र संख्या कम है तो दोनों विद्यालयों
का एक ही प्रधानाध्यापक होगा। यह जिम्मेदारी उच्च प्राथमिक विद्यालय के
प्रधानाध्यापक को सौंपी जाएगी। हालांकि इसके चलते रिक्त हुए प्रधानाध्यापक
के पद समाप्त नहीं किये जाएंगे।
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