Prayagraj: It is compulsory for more than three thousand district
education and training institutes (DIET) and private colleges to have
uniform and uniforms of trainees. What is the uniform of female and male
trainees, it will decide the diet of that district, no dress code has
been imposed in it. Similar ekards will also apply by fixing the diets.
प्रयागराज : प्रदेश के तीन हजार से अधिक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान
(डायट) व निजी कालेजों में प्रशिक्षुओं का गणवेश व आइकार्ड होना अनिवार्य
है। महिला व पुरुष प्रशिक्षुओं का गणवेश क्या हो यह उस जिले की डायट ही तय
करेगी, इसमें किसी तरह का ड्रेसकोड थोपा नहीं गया है। ऐसे ही आइकार्ड भी
डायट तय करके लागू करेंगे।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उप्र (एससीईआरटी) के निदेशक
संजय सिन्हा ने इस संबंध में सभी जिलों के डायट प्राचार्यो को निर्देश जारी
किया है। प्रशिक्षण संस्थानों में पढ़ाई न होने के लगातार आरोप लग रहे
हैं, ऐसे में प्रशिक्षुओं के समग्र विकास के लिए नियम तय किए गए हैं। सख्त
निर्देश है कि प्रशिक्षु संस्थान में गणवेश व आइकार्ड के साथ ही समय पर
पहुंचे। संस्थान सुबह दस से शाम बजे तक नियमित खुले और पढ़ाई कराई जाए। समय
सारिणी के लिए आठ वादन तय किए जाएं, जिनका समय अधिकतम 35 से 40 मिनट ही
हो। भोजन के अवकाश का समय वादन के मध्य में हो, साथ ही खेलकूद व अन्य पाठ्य
सहगामी क्रियाएं भोजनावकाश के बाद कराई जाएं। निर्देश है कि हर दिन की
शुरुआत प्रार्थना सभा से हो। इसमें नियमित प्रार्थना के साथ नवाचारी
गतिविधियों को भी रखा जाए। निदेशक ने लिखा है कि संस्थानों में इनका
अनुपालन कड़ाई से हो। परिषद स्तर के अफसरों की टीम जल्द ही संस्थानों का
स्थलीय निरीक्षण करेगी।
हर सेमेस्टर का तय हो कैलेंडर
पढ़ाई के लिए जरूरी है कि हर सेमेस्टर का कैलेंडर बनाया जाए जिसमें सभी
गतिविधियों का विस्तार से जिक्र हो। इससे सभी संकाय सदस्यों को प्रशिक्षुओं
को भी अवगत कराया जाए। संकाय सदस्य शिक्षण की योजना बनाकर ही पढ़ाएं।
कक्षा शिक्षण को प्रभावी बनाने के हर प्रयास करें। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने
वाले प्रशिक्षुओं को सम्मानित किया जाए।
पढ़ाने को आउटसोर्सिग पर जोर
प्रदेश के डायट व निजी कालेजों में संकाय सदस्य व अन्य प्रवक्ताओं की बड़े
पैमाने पर कमी है। इसको देखते हुए एससीईआरटी ने पहले ही आउटसोर्सिग से
पढ़ाई कराने का निर्देश दिया था, जिसका अनुपालन नहीं हो रहा है। इसमें उस
जिले के उम्दा शिक्षकों का पूल बनाकर उन्हें आमंत्रित करने के निर्देश रहे
हैं।
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