नियामक प्राधिकारी कार्यालय, इलाहाबाद के तत्कालीन रजिस्ट्रार जीवेंद्र सिंह ऐरी और मौजूदा डिप्टी रजिस्ट्रार प्रेमचंद कुशवाहा को भी निलंबित करने का निर्देश दिया है। परीक्षा के पर्यवेक्षण में ढिलाई बरतने पर उन्होंने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के सात अफसरों के खिलाफ अनुशासनिक जांच का निर्देश दिया है। वहीं एक बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री ने सभी इच्छुक अभ्यर्थियों को अपनी उत्तरपुस्तिकाओं का निश्शुल्क पुनमरूल्यांकन कराने का मौका दिया है।
शिक्षक भर्ती में गड़बड़ियों के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई न होने से नाराज हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वह तीन दिन में पूरे प्रकरण से मुख्यमंत्री को अवगत कराएं ताकि इस मामले में उचित कार्रवाई की जा सके। गड़बड़ियों की जांच के लिए प्रमुख सचिव चीनी एवं गन्ना विकास संजय आर.भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति ने हाईकोर्ट के ताजा निर्देश के बाद अपनी रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा डॉ.प्रभात कुमार को सौंपी। अपर मुख्य सचिव ने शुक्रवार सुबह जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पेश की। इस मामले को लेकर शुक्रवार को दिन भर मुख्यमंत्री कार्यालय और बेसिक शिक्षा विभाग में हलचल रही। मुख्यमंत्री ने सुबह बेसिक शिक्षा विभाग के आला अफसरों के साथ बैठक की। शाम को भी उन्होंने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को तलब किया।
अब तक 10 अफसरों पर कार्रवाई : इस मामले में अब तक 10 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। विदित हो कि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह पहले ही निलंबित की जा चुकी हैं। वहीं परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में रजिस्ट्रार रहे जीवेंद्र सिंह ऐरी का तबादला कर दिया गया था।
एजेंसी का भुगतान रुकेगा
- एससीईआरटी के सात अफसरों की होगी अनुशासनिक जांच
- नंबर जोड़ने में गलतियां करने वाले परीक्षकों से होगा जवाब-तलब
- परीक्षा कराने वाली एजेंसी ब्लैकलिस्ट
- इच्छुक अभ्यर्थियों की कॉपियों का निश्शुल्क होगा पुनमरूल्यांकन