मूल्यांकन को लेकर फिर घिरा यूपी बोर्ड, अब सहायक अध्यापक भर्ती की तरह कॉपी पर दर्ज मिले ज्यादा अंक

इलाहाबाद : शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा परिणाम में ऐसे कई अभ्यर्थी सामने आए हैं, जो रिजल्ट में फेल लेकिन, कॉपी पर दर्ज अंकों से उत्तीर्ण हो रहे हैं। ऐसा ही मामला यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा 2018 के
मूल्यांकन में सामने आया है, छात्र को अंकपत्र पर महज 23 अंक दिए गए थे, जबकि उसकी कॉपी पर 62 अंक दर्ज मिले हैं। उत्तर पुस्तिका से एवार्ड ब्लैंक पर अंक दर्ज करने की सामने आने से यूपी बोर्ड के रिजल्ट पर फिर सवाल उठ रहे हैं।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2018 में विशेष सख्ती रही है। इससे परीक्षार्थी, अभिभावक और शिक्षकों तक को उम्मीद थी कि रिजल्ट का सफलता प्रतिशत काफी कम होगा, फिर भी दोनों रिजल्ट सत्तर फीसदी से अधिक आए। उसी समय कुछ शिक्षकों ने मूल्यांकन के एवार्ड ब्लैंक सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किए। उसमें जिन अभ्यर्थियों को एवार्ड ब्लैंक में कम अंक मिले थे, उनके अंक पत्र पर नंबर अधिक थे। इससे कई दिन तक हंगामा रहा। यूपी बोर्ड ने दो शिक्षकों को चिह्न्ति कर आजीवन मूल्यांकन कार्य से डिबार कर दिया था। अब फिर मूल्यांकन में का मामला नए सिरे से सामने आया है। वैसे तो यूपी बोर्ड परीक्षा के बाद स्क्रूटनी में हर परीक्षार्थी को मौका देता है जिसमें अंक बदलते हैं। यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने इस प्रकरण की जानकारी होने से इन्कार किया है। 1ये था मामला : उन्नाव जिले के त्रिवेणी काशी इंटर कालेज बिहार की छात्र आंचल सिंह को हाईस्कूल की परीक्षा में 522 अंक मिले थे। विज्ञान में 70 में मात्र 23 अंक मिले थे। उसने कॉपी की जांच दोबारा करवाने के लिए स्क्रूटनी का फॉर्म भरा। सुनवाई न होने पर सूचना के अधिकार का प्रयोग किया तो मालूम पड़ा कि अंक पत्र से इतर कॉपी में नंबर ज्यादा हैं। याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया तो यूपी बोर्ड ने सुनवाई से पहले ही अपनी सुधारी। विज्ञान में 70 में 62 अंक दर्शाए।