इलाहाबाद : 68500 शिक्षक भर्ती की गड़बड़ियां सिर्फ उत्तर पुस्तिकाओं के
मूल्यांकन तक सीमित नहीं है, बल्कि भर्ती के प्रति अनदेखी लिखित परीक्षा
से शुरू हुई।
कक्ष निरीक्षकों ने अभ्यर्थियों से पंजिका में हस्ताक्षर
कराने में बड़ी चूक की। कई ने अपने नाम की जगह दूसरे अभ्यर्थी के सामने
वाले कॉलम में हस्ताक्षर बना दिए। इससे परीक्षा में बैठे अभ्यर्थी
अनुपस्थित और गैरहाजिर बिना परीक्षा दिए ही उत्तीर्ण हो गए।
भर्ती परीक्षा का 13 अगस्त को रिजल्ट आने के बाद आगरा क्षेत्र की एक महिला
अभ्यर्थी शिकायत लेकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पहुंची थी।
स्वीकारा कि गलती से उसने दूसरे की जगह हस्ताक्षर बनाए हैं। फिर भी परीक्षा
संस्था ने इस प्रकरण से सबक लेकर अन्य उत्तर पुस्तिकाओं पर गौर नहीं किया
कि ऐसी गलती और केंद्रों से हो सकती है। परीक्षा की उपस्थिति पंजिका और
कॉपी पर लिखे नामों का सही से मिलान न हो पाने से हाजिरी के अनुरूप कॉपियों
को कोड आवंटित हुए। जांच समिति की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है कि 53
चयनित कॉपी पर फेल हैं और रिजल्ट में अनुत्तीर्ण 51 अभ्यर्थी अच्छे अंकों
से उत्तीर्ण हो रहे हैं। यही कार्य सही न करने पर परीक्षा एजेंसी को ब्लैक
लिस्ट किया गया है।
एससीईआरटी के सात अफसर कौन? : जांच समिति ने एससीईआरटी के सात अफसरों पर
अनुशासनिक जांच का निर्देश दिया है। अब तक असमंजस है, क्योंकि एससीईआरटी
में कुल अफसरों की संख्या इतनी नहीं है। वहीं, परीक्षा नियामक प्राधिकारी
कार्यालय, राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान व राज्य शिक्षा संस्थान तीनों
इलाहाबाद एससीईआरटी से ही संचालित होते हैं। मूल्यांकन में तीनों संस्थानों
के सात अफसरों को पर्यवेक्षक के रूप में लगाया था।
तीन दर्जन राज. शिक्षक घेरे में
उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में राजकीय शिक्षकों को लगाया गया था। जांच
समिति ने करीब तीन दर्जन से अधिक शिक्षकों के मूल्यांकन सही नहीं माना है,
उन्हें नोटिस देकर कार्रवाई की तैयारी है। 343 कॉपियों के अंक जोड़ने में
गलती मिली है। 158 ऐसे प्रकरण हैं जिनमें ओवर राइटिंग या फिर काटकर फिर से
सही जवाब दिए गए हैं। इनका भी संज्ञान लिया गया है।
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