महराजगंज: जिले में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा व्यवस्था को सुचारू
रूप से संपन्न कराने के लिए सरकार द्वारा एक अरब से अधिक का व्यय किया जा
रहा है, मगर इसके बावजूद भी शिक्षा व्यवस्था में वह सुधार नहीं दिख रहा है
,जो दिखना चाहिए।
शिक्षकों की भर्ती में अड़ंगेबाजी व संसाधनों की अनुपलब्धता से शिक्षा व्यवस्था उलझती जा रही है, वहीं शासन के उस प्रयास को भी झटका लग रहा है जो शिक्षा के सुधार की दिशा में किया जा रहा है। जिले में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शासन ने कुल 2154 विद्यालयों की स्थापना की है। मंशा है कि इन विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा के स्तर में अपेक्षित सुधार लाया जाए, मगर वह अभी तक प्रभावी नहीं दिख रहा है। प्राथमिक व माध्यमिक में शिक्षा की स्थिति इसलिए नहीं सुधर पा रही है , क्योंकि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए यदि कोई भी शिक्षक भर्ती आ रही है , तो नियमों व मानकों का हवाला देकर अभ्यर्थी उसे लेकर न्यायालय चले जा रहे हैं, वह भर्तियां तब तक नहीं हो पा रही हैं जब तक न्यायालय उस दिशा में कोई स्पष्ट आदेश नहीं आ रहा है। परिषदीय विद्यालयों में जहां डेस्क-बेंच व अन्य संसाधनों का आभाव दिख रहा है वहीं बड़ी मात्रा में भवन भी जर्जर स्थिति में हैं। माध्यमिक विद्यालयों में जहां प्रयोगशाला भवन व अन्य व्यवस्थाओं का आभाव है वहीं उच्च शिक्षा के प्रतीक के रूप में जिले में स्थित एक मात्र राजकीय महाविद्यालय में भी मानक से कम शिक्षक होने व कड़ी व्यवस्था की वजह से शिक्षा की गाड़ी रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा व्यवस्था में तीव्र सुधार तभी नजर आएगा जब जिम्मेदा अपनी भूमिका को लेकर गंभीर होंगे।
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शिक्षा व्यवस्था एक नजर में:
प्राथमिक शिक्षा
परिषदीय विद्यालय---2127
शिक्षकों की जरुरत-----10880
तैनात शिक्षक व शिक्षामित्र--6500
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माध्यमिक शिक्षा
राजकीय विद्यालय----26
शिक्षकों की आवश्यकता----265
तैनात शिक्षक-------------70
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उच्च शिक्षा
राजकीय महाविद्यालय---एक
शिक्षकों की आवश्यकता---15
तैनात शिक्षक-------12
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शिक्षा व्यवस्था में सुधार की चल रही कवायद: डीआइओएस
शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए विद्यालयों में शिक्षकों की भर्तियों को लेकर शासन गंभीर है। प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के स्तर के सुधार की दिशा में कवायद तेजी से चल रही है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। जिले स्तर पर भी विद्यालयों की सघन जांच कर शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।
अशोक कुमार ¨सह, जिला विद्यालय निरीक्षक
शिक्षकों की भर्ती में अड़ंगेबाजी व संसाधनों की अनुपलब्धता से शिक्षा व्यवस्था उलझती जा रही है, वहीं शासन के उस प्रयास को भी झटका लग रहा है जो शिक्षा के सुधार की दिशा में किया जा रहा है। जिले में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शासन ने कुल 2154 विद्यालयों की स्थापना की है। मंशा है कि इन विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा के स्तर में अपेक्षित सुधार लाया जाए, मगर वह अभी तक प्रभावी नहीं दिख रहा है। प्राथमिक व माध्यमिक में शिक्षा की स्थिति इसलिए नहीं सुधर पा रही है , क्योंकि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए यदि कोई भी शिक्षक भर्ती आ रही है , तो नियमों व मानकों का हवाला देकर अभ्यर्थी उसे लेकर न्यायालय चले जा रहे हैं, वह भर्तियां तब तक नहीं हो पा रही हैं जब तक न्यायालय उस दिशा में कोई स्पष्ट आदेश नहीं आ रहा है। परिषदीय विद्यालयों में जहां डेस्क-बेंच व अन्य संसाधनों का आभाव दिख रहा है वहीं बड़ी मात्रा में भवन भी जर्जर स्थिति में हैं। माध्यमिक विद्यालयों में जहां प्रयोगशाला भवन व अन्य व्यवस्थाओं का आभाव है वहीं उच्च शिक्षा के प्रतीक के रूप में जिले में स्थित एक मात्र राजकीय महाविद्यालय में भी मानक से कम शिक्षक होने व कड़ी व्यवस्था की वजह से शिक्षा की गाड़ी रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा व्यवस्था में तीव्र सुधार तभी नजर आएगा जब जिम्मेदा अपनी भूमिका को लेकर गंभीर होंगे।
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शिक्षा व्यवस्था एक नजर में:
प्राथमिक शिक्षा
परिषदीय विद्यालय---2127
शिक्षकों की जरुरत-----10880
तैनात शिक्षक व शिक्षामित्र--6500
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माध्यमिक शिक्षा
राजकीय विद्यालय----26
शिक्षकों की आवश्यकता----265
तैनात शिक्षक-------------70
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उच्च शिक्षा
राजकीय महाविद्यालय---एक
शिक्षकों की आवश्यकता---15
तैनात शिक्षक-------12
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शिक्षा व्यवस्था में सुधार की चल रही कवायद: डीआइओएस
शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए विद्यालयों में शिक्षकों की भर्तियों को लेकर शासन गंभीर है। प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के स्तर के सुधार की दिशा में कवायद तेजी से चल रही है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। जिले स्तर पर भी विद्यालयों की सघन जांच कर शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।
अशोक कुमार ¨सह, जिला विद्यालय निरीक्षक