बाराबंकी। फर्जी शैक्षिक अभिलेखों के जरिए शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले
दो सहायक अध्यापकों को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं एफआईआर दर्ज कराने
के आदेश से जांच के जद में शामिल अन्य शिक्षकों में हड़कंप मच गया। हालांकि
एक शिक्षक ने एक सप्ताह पूर्व जेल जाने की डर से अपना इस्तीफा विभाग को
डॉक से भेजा था। मगर, विभाग ने उसे स्वीकार नहीं किया था।
जिले में मई माह में 12460 शिक्षक भर्ती के 287 पदों के सापेक्ष 198 पद पर
शिक्षकों की भर्ती हुई थी। सांसद प्रियंका सिंह रावत ने फर्जी शैक्षिक
प्रमाण-पत्र के सहारे नौकरी हथियाने वाले रिंकू, माया देवी, विनोद कुमार
सोनी, ममता, कृष्ण कुमार सिंह, शोभित अवस्थी, अजय प्रताप सिंह ,चौधरी
गजेंद्र व नेहा यादव की शिकायत शासन से की थी। शासन के आदेश पर जिलाधिकारी
ने मामले की जांच एडी बेसिक, एडीएम व बीएसए को सौंपी थी।
सूरतगंज के ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय डिहवा में तैनात शिक्षक विनोद कुुमार सोनी की टीईटी की मार्कशीट फर्जी पाई गई। इसको लेकर जहां शिक्षक की सेवाएं समाप्त की गई हैं। वहीं बीईओ सूरतगंज उदयमणि पटेल को आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए है। हालांकि जेल जाने के डर से आरोपी शिक्षक विनोद कुमार सोनी ने एक सप्ताह पूर्व विभाग को इस्तीफा भी भेजा था।
वहीं फतेहपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय धधौरा में तैनात शिक्षक कृष्ण कुमार सिंह की भी सेवाएं समाप्त की गई हैं। आरोपी शिक्षक ने वर्ष 2009 में एक साथ लखनऊ व डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय से बतौर संस्थागत छात्र के रूप में स्नातक की शिक्षा ग्रहण की थी।
सूरतगंज के ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय डिहवा में तैनात शिक्षक विनोद कुुमार सोनी की टीईटी की मार्कशीट फर्जी पाई गई। इसको लेकर जहां शिक्षक की सेवाएं समाप्त की गई हैं। वहीं बीईओ सूरतगंज उदयमणि पटेल को आरोपी शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए है। हालांकि जेल जाने के डर से आरोपी शिक्षक विनोद कुमार सोनी ने एक सप्ताह पूर्व विभाग को इस्तीफा भी भेजा था।
वहीं फतेहपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय धधौरा में तैनात शिक्षक कृष्ण कुमार सिंह की भी सेवाएं समाप्त की गई हैं। आरोपी शिक्षक ने वर्ष 2009 में एक साथ लखनऊ व डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्व विद्यालय से बतौर संस्थागत छात्र के रूप में स्नातक की शिक्षा ग्रहण की थी।