दोस्तों नमस्कार , आज सुनवाई 11:00 बजे शुरू हुई जिसमें सरकार की तरफ से *सीनियर अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा जी* ने जोरदार बहस करते हुए कोर्ट को बताया कि कट ऑफ 60%65% से कम नहीं हो सकती जिसके संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर भी कोर्ट में प्रस्तुत किए गए लंच होने से कुछ मिनट पहले ही विपक्ष के
अधिवक्ता उपेंद्र नाथ मिश्रा जी द्वारा कोर्ट को बताया गया की पेज नंबर 41 से 45 के बीच में एक पेज चिपका हुआ है विपक्ष का एकमात्र उद्देश्य है केस को खींचना इसी बात पर उन्होंने कोर्ट को गुमराह करते हुए कहा की पेज नंबर 42 जो चिपका हुआ है उस चिपके हुए पेज में शासन द्वारा 40%
45% कट ऑफ रखी गई थी बाद में *माननीय मुख्यमंत्री जी* के निर्देश पर 60%65% कट ऑफ की गई है और उस चिपके हुए पेज पर माननीय मुख्यमंत्री जी के साइन है और सचिव जी के साइन है लेकिन उस पेज पर ऐसा कोई वाक्य नहीं लिखा है जिससे हम लोगों को कोई दिक्कत हो विपक्ष का एकमात्र उद्देश्य केस को लंबा खींचना और वकील अपना पैसा बनाने पर लगे हैं विपक्षी अधिवक्ता उपेंद्र मिश्रा द्वारा कोर्ट को या भी बताया गया की अगर चिपके हुए पेज पर 40% 45% नहीं है तो मे अपनी रिट विड्रॉ कर लूंगा
👉 बाद में विपक्षी वकील उपेंद्र नाथ मिश्रा द्वारा 30 जनवरी को जो एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को लेकर सचिव डॉ प्रभात कुमार द्वारा एक पत्र जारी किया गया था जिसमें कहा गया था की सीतापुर के एक शिक्षामित्र जनपद में ना रहकर जनपद से बाहर पैरवी करने में अपना पूरा समय लगाते हैं इस मुद्दे को भी विपक्षी वकीलों ने कोर्ट में रखा पूरी बहस उसी लेटर को लेकर की गई
👉 जज साहब ने कह दिया कि आप कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं बाकी आपने कहा है तो मैं जिस पेज को चिपकाया गया है उसकी मैं जांच करा लेता हूं जांच कराने के लिए 3 दिन का समय दिया गया है
👉 सीनियर अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा जी की बहस पूरी हो चुकी है हमारी तरफ के सीनियर अधिवक्ता अनिल तिवारी जी ने भी कोर्ट को बता दिया हमने कोई गलत नहीं किया है आप चाहे तो जांच करा लें जिस पर जज साहब ने सहमति जताते हुए 20 तारीख की डेट लगा दी
👉 विपक्षी अधिवक्ता उपेंद्र नाथ मिश्रा जी ने कोर्ट को या भी अवगत कराया कि जो पेज चिपकाया गया है उसका साक्ष्य मेरे मोबाइल में है लेकिन उन्होंने कोर्ट में दिखाया नहीं मात्र गुमराह किया
👉 जज साहब को बताया गया कि आचारसंहिता के कारण भर्ती फस जायेगी जिस पर जज साहब ने कहा कि ऑर्डर में हम मेंशन कर देंगे की आप नियुक्ति पत्र आचार संहिता मे भी दे सकते हैं इसका समर्थन विपक्षी वकीलों ने भी किया
Next date *20 February* 10:15
अधिवक्ता उपेंद्र नाथ मिश्रा जी द्वारा कोर्ट को बताया गया की पेज नंबर 41 से 45 के बीच में एक पेज चिपका हुआ है विपक्ष का एकमात्र उद्देश्य है केस को खींचना इसी बात पर उन्होंने कोर्ट को गुमराह करते हुए कहा की पेज नंबर 42 जो चिपका हुआ है उस चिपके हुए पेज में शासन द्वारा 40%
45% कट ऑफ रखी गई थी बाद में *माननीय मुख्यमंत्री जी* के निर्देश पर 60%65% कट ऑफ की गई है और उस चिपके हुए पेज पर माननीय मुख्यमंत्री जी के साइन है और सचिव जी के साइन है लेकिन उस पेज पर ऐसा कोई वाक्य नहीं लिखा है जिससे हम लोगों को कोई दिक्कत हो विपक्ष का एकमात्र उद्देश्य केस को लंबा खींचना और वकील अपना पैसा बनाने पर लगे हैं विपक्षी अधिवक्ता उपेंद्र मिश्रा द्वारा कोर्ट को या भी बताया गया की अगर चिपके हुए पेज पर 40% 45% नहीं है तो मे अपनी रिट विड्रॉ कर लूंगा
👉 बाद में विपक्षी वकील उपेंद्र नाथ मिश्रा द्वारा 30 जनवरी को जो एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को लेकर सचिव डॉ प्रभात कुमार द्वारा एक पत्र जारी किया गया था जिसमें कहा गया था की सीतापुर के एक शिक्षामित्र जनपद में ना रहकर जनपद से बाहर पैरवी करने में अपना पूरा समय लगाते हैं इस मुद्दे को भी विपक्षी वकीलों ने कोर्ट में रखा पूरी बहस उसी लेटर को लेकर की गई
👉 जज साहब ने कह दिया कि आप कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं बाकी आपने कहा है तो मैं जिस पेज को चिपकाया गया है उसकी मैं जांच करा लेता हूं जांच कराने के लिए 3 दिन का समय दिया गया है
👉 सीनियर अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा जी की बहस पूरी हो चुकी है हमारी तरफ के सीनियर अधिवक्ता अनिल तिवारी जी ने भी कोर्ट को बता दिया हमने कोई गलत नहीं किया है आप चाहे तो जांच करा लें जिस पर जज साहब ने सहमति जताते हुए 20 तारीख की डेट लगा दी
👉 विपक्षी अधिवक्ता उपेंद्र नाथ मिश्रा जी ने कोर्ट को या भी अवगत कराया कि जो पेज चिपकाया गया है उसका साक्ष्य मेरे मोबाइल में है लेकिन उन्होंने कोर्ट में दिखाया नहीं मात्र गुमराह किया
👉 जज साहब को बताया गया कि आचारसंहिता के कारण भर्ती फस जायेगी जिस पर जज साहब ने कहा कि ऑर्डर में हम मेंशन कर देंगे की आप नियुक्ति पत्र आचार संहिता मे भी दे सकते हैं इसका समर्थन विपक्षी वकीलों ने भी किया
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