लखनऊ : पुरानी पेंशन के आंदोलन पर सरकार और न्यायालय के सख्त रुख के बाद कर्मचारी शुक्रवार को काम पर लौट तो आए लेकिन, उन्होंने इस लड़ाई को जारी रखने का दम भरा है।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पहले की तरह जब तक कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन नहीं मिलेगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा। भले ही इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक क्यों न जाना पड़े।
हालांकि हड़ताल के इस तरह समापन को लेकर उनमें निराशा थी। हाईकोर्ट ने शासन को कर्मचारी नेताओं से वार्ता कर समाधान का आदेश दिया था लेकिन हड़ताल का आह्वान करने वाले कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के पदाधिकारियों के पास शुक्रवार को वार्ता का कोई बुलावा नहीं आया। गुरुवार देर रात तक बैठक कर हड़ताल वापसी का निर्णय लेने वाले कर्मचारी नेता शुक्रवार को भी आगे की रणनीति के मंथन में जुटे रहे। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन के लिए आंदोलन जारी रहेगा। मंच पदाधिकारियों ने अगले कुछ दिनों में बैठक कर आंदोलन के अगले चरण की तैयारी करने की बात कही है।
सरकार के रुख से निराशा
डेढ़ महीने पहले तक राज्य सरकार भले ही पुरानी पेंशन पर विचार की मुद्रा में दिख रही थी लेकिन, इधर कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की चेतावनी दिए जाने के बाद से सरकार का रुख सख्त हो गया था। यही बात कर्मचारी नेताओं को अखर रही थी।
कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के पदाधिकारी बीते कुछ दिनों से शिकायत उठाने लगे थे कि सरकार द्वारा दो महीने के लिए बनाई गई समिति का यदि कोई नतीजा नहीं निकल सका है तो किसी अन्य तरीके से यह प्रयास जारी रहना चाहिए, क्योंकि कर्मचारियों की आशंकाओं के समाधान की जिम्मेदारी भी सरकार की है।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पहले की तरह जब तक कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन नहीं मिलेगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा। भले ही इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक क्यों न जाना पड़े।
हालांकि हड़ताल के इस तरह समापन को लेकर उनमें निराशा थी। हाईकोर्ट ने शासन को कर्मचारी नेताओं से वार्ता कर समाधान का आदेश दिया था लेकिन हड़ताल का आह्वान करने वाले कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के पदाधिकारियों के पास शुक्रवार को वार्ता का कोई बुलावा नहीं आया। गुरुवार देर रात तक बैठक कर हड़ताल वापसी का निर्णय लेने वाले कर्मचारी नेता शुक्रवार को भी आगे की रणनीति के मंथन में जुटे रहे। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन के लिए आंदोलन जारी रहेगा। मंच पदाधिकारियों ने अगले कुछ दिनों में बैठक कर आंदोलन के अगले चरण की तैयारी करने की बात कही है।
सरकार के रुख से निराशा
डेढ़ महीने पहले तक राज्य सरकार भले ही पुरानी पेंशन पर विचार की मुद्रा में दिख रही थी लेकिन, इधर कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की चेतावनी दिए जाने के बाद से सरकार का रुख सख्त हो गया था। यही बात कर्मचारी नेताओं को अखर रही थी।
कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के पदाधिकारी बीते कुछ दिनों से शिकायत उठाने लगे थे कि सरकार द्वारा दो महीने के लिए बनाई गई समिति का यदि कोई नतीजा नहीं निकल सका है तो किसी अन्य तरीके से यह प्रयास जारी रहना चाहिए, क्योंकि कर्मचारियों की आशंकाओं के समाधान की जिम्मेदारी भी सरकार की है।