परिषदीय विद्यार्थियों को एक साथ मिलेंगी किताबें और वर्कबुक, वास्तविक छात्र संख्या से ज्यादा किताबें छपवाई गईं तो बीएसए होंगे जिम्मेदार
प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों में नए सत्र से व्यवस्था : पाठ्य पुस्तक अधिकारी ने सभी बीएसए को हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू माध्यम की किताबों के लिए एक साथ ऑर्डर देने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा है कि वास्तविक छात्र संख्या से ज्यादा किताबें छपवाई गईं तो बीएसए जिम्मेदार होंगे।
तय संख्या से ज्यादा किताबें तो बीएसए होंगे जिम्मेदार
•एनबीटी, लखनऊ : नए सत्र से प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल के बच्चों को किताबों और वर्कबुक एक साथ दी जाएंगी। पाठ्य पुस्तक अधिकारी मनोज कुमार अहिरवार ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 10 मार्च तक छात्र संख्या के अनुसार प्रकाशकों को ऑर्डर देने के निर्देश दिए हैं। 30 अप्रैल तक सभी स्कूलों में बांटने की तैयारी है।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी, जूनियर, राजकीय स्कूलों, एडेड स्कूलों और मदरसों में कक्षा एक से आठ तक बच्चों को फ्री किताबें और वर्कबुक देने की व्यवस्था है। राजधानी में 2,031 स्कूलों में दो लाख 29 हजार बच्चे हैं। अभी तक इन बच्चों को किताबें जुलाई और अगस्त तक दे दी जाती थीं, जबकि वर्कबुक बीते दिसंबर में स्कूलों में बांटी गईं। इससे बच्चे अर्धवार्षिक परीक्षा के लिए अभ्यास नहीं कर पाए थे। इसी को देखते हुए इस बार बच्चों को किताबों के साथ ही वर्कबुक देने की तैयारी है।
प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों में नए सत्र से व्यवस्था : पाठ्य पुस्तक अधिकारी ने सभी बीएसए को हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू माध्यम की किताबों के लिए एक साथ ऑर्डर देने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा है कि वास्तविक छात्र संख्या से ज्यादा किताबें छपवाई गईं तो बीएसए जिम्मेदार होंगे।
तय संख्या से ज्यादा किताबें तो बीएसए होंगे जिम्मेदार
•एनबीटी, लखनऊ : नए सत्र से प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल के बच्चों को किताबों और वर्कबुक एक साथ दी जाएंगी। पाठ्य पुस्तक अधिकारी मनोज कुमार अहिरवार ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 10 मार्च तक छात्र संख्या के अनुसार प्रकाशकों को ऑर्डर देने के निर्देश दिए हैं। 30 अप्रैल तक सभी स्कूलों में बांटने की तैयारी है।
सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी, जूनियर, राजकीय स्कूलों, एडेड स्कूलों और मदरसों में कक्षा एक से आठ तक बच्चों को फ्री किताबें और वर्कबुक देने की व्यवस्था है। राजधानी में 2,031 स्कूलों में दो लाख 29 हजार बच्चे हैं। अभी तक इन बच्चों को किताबें जुलाई और अगस्त तक दे दी जाती थीं, जबकि वर्कबुक बीते दिसंबर में स्कूलों में बांटी गईं। इससे बच्चे अर्धवार्षिक परीक्षा के लिए अभ्यास नहीं कर पाए थे। इसी को देखते हुए इस बार बच्चों को किताबों के साथ ही वर्कबुक देने की तैयारी है।