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असिस्टेंट प्रोफेसर की घोषित 584 रिक्तियों में बड़ा उलटफेर होने की संभावना

राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की पूर्व घोषित नई भर्ती परीक्षा अब रिक्तियों के रिवीजन यानी पुन: परीक्षण के बाद शुरू होगी।
इससे एक साल से घोषित 584 रिक्तियों में बड़ा उलटफेर होने की संभावना है, क्योंकि महाविद्यालयों में इस बीच 700 से ज्यादा नियमित शिक्षकों का चयन हो चुका है और एक हजार से अधिक शिक्षकों की चयन प्रक्रिया गतिमान है। इन नियुक्तियों के बाद महाविद्यालयों से रिक्तियों के मिलने वाले नए डाटा के आधार पर भर्ती परीक्षा होगी।
अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग यानी यूपीएचईएससी से परीक्षा में चयन के बाद होती है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने 584 पदों का अधियाचन फरवरी 2018 में ही यूपीएचईएससी को भेज रखा है। लेकिन, आरक्षण वार रिक्तियों में गड़बड़ी के चलते इसका विज्ञापन रोक दिया गया था। मार्च 2018 में विज्ञापन संख्या 37 के तहत निकले परिणाम से चयनित 19 अभ्यर्थियों, विज्ञापन संख्या 46 के तहत चयनित 41 विषयों में सात सौ से ज्यादा चयनितों की नियुक्ति पिछले साल तक हो चुकी है। विज्ञापन संख्या 46 के तहत शेष तीन विषयों भौतिक, रसायन व जंतु विज्ञान के 315 अन्य चयनितों की काउंसिलिंग दो दिन पहले ही शुरू हुई है, जबकि अशासकीय महाविद्यालयों में मानदेय पर कार्यरत 684 शिक्षकों को भी नियमित शिक्षक का दर्जा देने की प्रक्रिया गत गुरुवार से शुरू हो चुकी है। करीब 17 सौ नियमित शिक्षकों की महाविद्यालयों में भरपाई पूरी होने के बाद खाली पदों की गणना फिर से होगी। निदेशालय की ओर से सभी अशासकीय महाविद्यालयों से नवीन डाटा लिया जाएगा उसके बाद ही असिस्टेंट प्रोफेसर की नई भर्ती परीक्षा के लिए अधियाचन तय हो सकेगा।

यूपीएईएससी की सचिव वंदना त्रिपाठी का कहना है कि 584 पदों के लिए विज्ञापन इसीलिए अब तक रुका हुआ है, क्योंकि मौजूदा नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने पर रिक्तियों में निदेशालय से रिवीजन होना है। जिससे पूर्व घोषित भर्ती के पदों की संख्या में बदलाव संभव है।
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