प्रयागराज : उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) में सेवानिवृत्त कर्मियों की नियुक्ति हो जाने से लंबित परिणाम जारी होने की राह आसान हो गई है। समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के 20 पदों पर सेवानिवृत्त कर्मियों से काम लिए जाने की मंजूरी शासन ने अप्रैल माह में ही दी है।
इन्हें फिलहाल 11 माह के लिए नियुक्ति दी गई है। परीक्षा कार्यो में इन कर्मचारियों के अनुभव का इस्तेमाल करते हुए अगले एक से दो माह में कई बड़ी भर्तियों की प्रक्रिया पूरी करने की योजना है।
यूपीपीएससी में विभिन्न भर्तियों के परिणाम अधर में होने की एक वजह स्टाफ की भारी कमी भी है। जबकि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन समय से न हो पाना दूसरी बड़ी वजह है। समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी की भर्ती 2014 की परीक्षा के बाद नहीं हो सकी। 2016 में इस भर्ती की परीक्षा कराई गई लेकिन, मामला विवादित है और इसकी जांच अभी पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में पिछले साल मुख्य सचिव के नेतृत्व में लखनऊ में हुई बैठक में यूपीपीएससी के सचिव ने स्टाफ बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त कर्मियों को रखे जाने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर लंबे समय बाद शासन की मुहर लग गई और 20 सेवानिवृत्त कर्मियों को 11 माह के लिए नियुक्त करने की मंजूरी अप्रैल माह में मिल गई।
शासन की मंजूरी मिलते ही यूपीपीएससी ने नियमानुसार आरओ / एआरओ के पदों पर इन कर्मचारियों की नियुक्ति कर ली और उनसे परीक्षा संबंधी कार्य लिए जा रहे हैं। सचिव जगदीश ने बताया कि इन कर्मियों के मिल जाने से मई माह में कई लंबित परिणाम जारी करने का प्रयास होगा।
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इन्हें फिलहाल 11 माह के लिए नियुक्ति दी गई है। परीक्षा कार्यो में इन कर्मचारियों के अनुभव का इस्तेमाल करते हुए अगले एक से दो माह में कई बड़ी भर्तियों की प्रक्रिया पूरी करने की योजना है।
यूपीपीएससी में विभिन्न भर्तियों के परिणाम अधर में होने की एक वजह स्टाफ की भारी कमी भी है। जबकि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन समय से न हो पाना दूसरी बड़ी वजह है। समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी की भर्ती 2014 की परीक्षा के बाद नहीं हो सकी। 2016 में इस भर्ती की परीक्षा कराई गई लेकिन, मामला विवादित है और इसकी जांच अभी पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में पिछले साल मुख्य सचिव के नेतृत्व में लखनऊ में हुई बैठक में यूपीपीएससी के सचिव ने स्टाफ बढ़ाने के लिए सेवानिवृत्त कर्मियों को रखे जाने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर लंबे समय बाद शासन की मुहर लग गई और 20 सेवानिवृत्त कर्मियों को 11 माह के लिए नियुक्त करने की मंजूरी अप्रैल माह में मिल गई।
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