नौकरी न मिलने पर मानसिक यातना झेल रहे युवा

मुरादाबाद। पढ़ाई करने के बाद रोजगार की तलाश में भटक रहे युवा अब निराश होने लगे हैं। वह परीक्षा पर परीक्षा दे रहे हैं, लेकिन परिणामों का इंतजार उनकी परेशानी को बढ़ा रहा है।
तैयारी में कई-कई वर्षों का समय और लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी बेरोजगार रहना, उन्हें मानसिक यातना दे रहा है। उनके साथ माता-पिता भी इस परेशानी को भुगत रहे हैं। उनका कहना है कि एक युवा को नौकरी मिलने से सिर्फ उसके ही सपने पूरे नहीं होते, बल्कि पूरा परिवार मजबूत हो जाता है।
69 हजार शिक्षक भर्ती में डाला था। कट ऑफ के गड़बड़ी में मामला कोर्ट चला गया है। यदि कटऑफ कम रही तो शिक्षामित्रों की संख्या ज्यादा हो जाएगी। बीएड वालों को पहली बार मौका मिला है। इसलिए सरकार को शीघ्र इसका निस्तारण करना चाहिए। पिछले साल अक्तूबर यूपी पुलिस और नवंबर में बीडीओ के लिए परीक्षा दी थी। उसका अभी तक परिणाम ही नहीं आया। पुलिस के लिए 26 वर्ष उम्र की बाध्यता होने की वजह से यह आखिरी मौका है।
राजीव राजपूत, प्रकाश नगर।

2013 में यूपी पुलिस की परीक्षा का मामला कोर्ट में चल रहा है। लखनऊ में हंगामा होने के बाद कुछ का परिणाम जारी हुआ था, लेकिन यह भर्ती पूरी नहीं हुई है। करीब दो वर्ष पहले एलटी ग्रेड की परीक्षा हुई थी, लेकिन उसके परिणाम का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। बीडीओ की परीक्षा दी है। अभी दो जून को यूपीएससी की परीक्षा देकर आया हूं। सरकार को युवाओं के भविष्य के बारे में सोचना पड़ेगा।
कपिल मीना, प्रेम नगर।

परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। स्टेनो भर्ती परीक्षा, 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा दी थी। करीब छह साल से लगातार तैयारी में रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है। मेरिट से अधिक अंक होने के बाद भी कई बार अंतिम सूची में नाम गायब हो गया है। मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। परिवार में सबसे बड़े हैं। परिजनों को भी मेरी नौकरी की आस है।
राजेश कुमार, लाइनपार।
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