12460 शिक्षक भर्ती समेत अन्य भर्तियों में जिला वरीयता केस की सुनवाई के सम्पूर्ण सार आवेश विक्रम की कलम से

आज यानि 26 जुलाई 2019 की सुनवाई के सार

सबसे पहले आज सारे अन्य केस दूसरी बेंच ट्रांसफर होने की नोटिस मिली और आज बेंच सिर्फ हमारा केस सुनने बैठी ये समझ सकते है।गणेश सर सुबह से उपस्थित थे।


सबसे पहले सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता जी ने बोलना शुरू किया उन्होंने कोर्ट जो 3 सवाल पूछे थे उसका उत्तर बिंदु वार दिया फिर उसके उपरांत


नियम कब से है
नियम कब हटाया सरकार ने

नियम रखने और हटाने की पीछे क्या rationailty थी।

उन्हीने नियम पूरा पढ़ा फिर आदेश के पीछे सरकार की मंशा बताई।

फिर पालवी तमांग का ऑर्डर प्लेस किया जिसके वाज़ा से 21व संसोधन सरकार को करना पड़ा।

पूरा आदेश पढ़ा और नियम ncte के मानक के अनुसार बनने के लिए सरकार ने ये संसोधन किया था

फिर उन्होंने जे एस यादव vs state of up ka sc order padha.

जिसमे उन्होंने इस बात पर विशेष प्रभाव दिया जब था सभी appointee को कोर्ट इसकी सूचना न दे कि उनका मैटर चल रहा है आप किसी को बाहर और उसके खिलाफ और्डर न कर सकती। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के अन्य कई आदेश भी आपनी बात बल देने के लिए नोट करवाये।

No order can be passed behind the back of a person who are directly affected. And if pass without informing or considering them is not bound to state to apprise for it...

फिर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का फुल बेंच के आदेश को पढ़ा जहाँ चयन प्रकिया मे भाग लेने ग़ैर चयनित लोग उस भर्ती के नियम चैलेंज न कर सकते। पूरा और citation पढ़ी उन्हीने main point padhe.

उसके साथ उन्होंने एक अन्य आर्डर चंद्र प्रकाश तिवारी vs सगकुन्तला shukla ki  आर्डर पढ़ा air sc 1997 से  लॉ ऑफ सब्जेक्ट पर और किसी नियम की  intrepretation पर फिर कुछ बेसिक के हाल पर चर्चा की और रूल पर अपना पक्ष कुछ अनुभव और गाँव और वहाँ के हाल के चर्चा कर के खत्म की।

फिर डॉ .एल पी मिश्र जी बोलना शुरू किए उन्होंने एक और supplymentary काउंटर  फ़ाइल किया और आपनी बहस बेसिक विभाग की संरचना से शुरू की पूरा बेसिक का ढांचा समझाया। टॉप लेवल से ब्लॉक और स्कूल लेवल तक फिर शिक्षक पद एक जिला काडर पद है इसके पीछे के सबूत दिए और bsa की पावर और अधिकार के बारे मे समझाया और भर्ती किस नियम से आती है और विज्ञापन कौन निकलता है और कैसे पूरा process होता है उसके बारे मे स्पष्ट किया और समझाया।फिर  उन्होंने बीटीसी ट्रैनिंग के बारे मे स्पष्ट रूप से समझाया है क्या नियम है किस हिसाब से चयन हुआ 1999 से पहले कैसे चयन होता था फिर 2010 से 2012 तक कैसे चयन हुआ और फिर 2013 से अब तक कैसे चयन हुआ ।

फिर उन्होंने आपने काउंटर पर सारे main पॉइंट कोर्ट को समझाए और सारी बाते रखी काउंटर मे  लिखी बिंदुवार । उन्होंने ये भी इंगित किया कि वो किसकी तरफ से पक्ष रख रहे है और किस याचिका implead है और नंबर नोट करवाया। फिर उन्होंने लोकल dialect और mother tongue पर संविधान में रखी बाते और कोठारी आयोग में दिए महत्व को दर्शाया और उसके उपरांत census 2011 की रिपोर्ट के पॉइंट और बातें नोट करवाई।लोकल भाषा या dialect को ले कर और लोकल वाणी या बोली पर उसके बाद उन्होंने ये नियम सरकार अमेंड कर चुकी है और ये नियम रद्द नही कर सकती इसकी बातें समझाई कोर्ट को कुछ सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दिखाते हुए की पीछे से नियम रद्द न कर सकते ।जो होगा आगे से होगा और सरकार ने परिवर्तन कर लिया है। एक मानव चंद रेड्डी का आदेश रिकॉर्ड पर रखा और गौरव भाटी का आदेश जो ऐसी ही डबल बेंच का है वो रखा ।

और फिर सारे पेपर्स रिकॉर्ड पर ला के बातें विराम दिए।

फिर जज सर बोले कि अब इसके आलावा किसी के पास कुछ है तो रखे।

तो उपेंद्र मिश्रा ने 10 मिनट का समय मांगा और आपनी बहस को तीन भाग में रखा उन्होंने पहले 2011 और 2012 कि बीटीसी ट्रेनिंग समझाई और किस नियम से हुई कितनी सीट हुआ करती थी और क्या चयन का मानक था ट्रेनिंग का।

फिर उन्होंने एक शार्ट complilation फ़ाइल की जिसमे उन्हीने कुछ सुप्रीम कोर्ट के आर्डर लगाए जहाँ उन्होंने restrospective और prospective नियम और कहाँ कैसे लग सकता है ये स्पष्ट किया।

फिर उन्होंने गोरखनाथ वाले आर्डर पर जो review आदेश हुआ था फुल बेंच 13 जज पीठ का केशवनंदभर्ती और केरल सरकार के केस क्या नई फाइंडिंग दी थी उसको थोड़ा स्पष्ट किया। और ये भी बोला कि आप अगर रूल ultravirus घोषित करते है तो ये 1981 से लेकर अभी तक सब भर्ती पर affect डालेगा और 1981 का नियुक्त शिक्षक या तो 26 जुलाई 2019 आज या तो रिटायर हो गया होगा या फिर दुनिया मे न होगा तो उसके ऊपर कैसे ये आदेश लागू होगा। ये नियम 14 1 a जब से नियामवली बानी है तब से है आपने जन्म के समय से और ये 1981 नियम 1972 नियम का रिफाइंड वर्शन है। उसपर ही बेस है।  उनकी बहस पूर्ण हो गयी और सुप्पलीमेंट्री पेपर्स रिकॉर्ड पर टेबल कर दिए दो याचिका में सौरभ वाली और ओमप्रकाश वाली मे अपना काउंटर।और ये भी बताया कि दोनो याचिका और ओमप्रकाश और सौरभ की processs और counselling होने के बाद फ़ाइल हुई है चयन processs शुरू हो गया था

संदीप dixit  और पंडित जी  खड़े हुए तो  जज ने बोला आप किसके व्यू के साथ है तो दोनों ने डॉ मिश्रा और  उपेन्द्र जी बातों की समर्थन के अलावा कुछ बोलना हो तो बोले तो उन्होंने आपनी व्यू बताये किसके साथ का व्यू है। संदीप dixit ने मिश्रा जी साथ सहमति दी और पंडित जी ने आर्टिकल 15( 3) पावर के बारे मे पक्ष रखा और गौरव राठी और मनीष विकल का आदेश कोर्ट के रेकॉर्ड पर लाया और सरकार की बातें जो पब्लिक नोटिस के बारे मे थी उसपर शिखा सिंह केस का ऑर्डद्र और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम मे सचिव बेसिक परिषद की पब्लिक नोटिस कोर्ट मे रिकॉर्ड पर लायी।और ओम प्रकाश की याचिका 10131 27 oct को फ़ाइल हुई थी और 15000 भर्ती की पहली counselling 26 nov huyi सचिव का लैटर दिया कोर्ट मे 10 oct वाला।

फिर तिवारी फिर खड़े हुए और मिश्रा जी बहस को नकारने का प्रयाश किया और 10 मिनट और बोले  conclusing आर्गुमेंट।और फिर जज ने आर्डर resrved कर  लिया और लंच के लिए उठ गए।

बाकी बातों का सबूत आप सब को आर्डर के बाद ही मिलेगा कुछ लोगो को मेरी बातें समझ मे आएंगी कुछ को न अच्छी लग सकती है। और बाकी चीजे आर्डर आने के बाद स्पष्ट हो जाएंगी रिट allow होती है या डिसमिस इसका सबूत आर्डर मे होगा । बाकी खुद जो देखा लिख दिया और फिर मानबहादुर भैया और ओमकार सिंह से उनके चैम्बर मे और बात की और पंडित ने बधाई भी दी।

कुछ गलत लिखा हो तो सौरभ सिंह या फिर 0 जनपद के कुछ साथी अंदर थे उनसे पूछ लें। या फिर संजय पाल से भी अंदर थे क्रॉस चेक कर ले।

मेरे लिए ये सबसे खुशी की बात है कि हमको अब कोर्ट मे न परेशान होना न दौड़ भाग करनी न cl बर्बाद होगी। और न भाग के lko आना पड़ेगा। आर्डर आने के बाद कुछ लोगो का प्रेम मिलेगा और जिनको न पसंद हम गाली देयेंगे। सभी का आपना स्वविवेक है। और कोई साक्ष्य चाहिए तो सवाल के साथ इनबॉक्स संदेश या कॉल कर ले।

आर्डर कब तक आएगा इसकी जानकारी जज के बाद किसी को नही तो हमारे पास इसका उत्तर नही है। जब भी आएगा जो आएगा सूचित कर दूंगा।

ये अपडेट अच्छी लगे तो ठीक वरना काम का सबूत आदेश से दे पाऊंगा। बाकी कुछ वाट्स एप्प ग्रुप मैं लाइव अपडेट भी डाली थी उनसे क्रॉस चेक कर सकते या पूछ लें।

मेरे लिए आज का मतलब आदेश reserved  और अब आर्डर आने तक एक दम आराम और पढ़ाई। बाकी कोई अनुमान न पूछे क्योंकि 326 का दर्द झेला है जब तक आर्डर देख न ले तब तक कोई टिपण्णी न दूँगा। बाकी जिनको हम पर भरोसा है उनका विश्वश टूटेगा नही ये  पूरी जिम्मेदारी से sure हु। भरोसा एक दिन न बनता पर टूटने मे एक पल लगता है इस नियम को आगे रख के मेहन्नत करता हु। 15000 और 16448 से किया वादे पर अब भी क़ायम हु।

धन्यवाद

आवेश विक्रम सिंह

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