#शिक्षा_निजीकरण_की_ओर ------
#गार्गी_योजना -------
उत्तर प्रदेश में अब एक नयी योजना लायी जा रही हैं और कहा जा रहा हैं कि इससे प्राथमिक शिक्षा में सुधार होगा . योजना का नाम हैं गार्गी योजना इसके तहत गांव की उन महिलाओ या बालिकाओ को अस्थायी तौर पर शिक्षिका के तौर पर रखा जायेगा जो ग्रेजुएट हैं केवल ग्रेजुएट b.ed , btc नही तो टेट और सुपर टेट का तो सवाल ही नही पैदा होता कि वो होने चाहिये
इस योजना के तहत पढ़ाने वाली शिक्षिका को मात्र 1000 रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जायेगा . अब सोचिये 1000 रूपये मानदेय पर आप कौन से शिक्षक रख रहें हैं . ये शिक्षिकायें भी बस इसी लालच में पढ़ाने के लिये तैयार होंगी कि कभी शिक्षामित्रो की तरह हमें भी पर्मानेंट न कर दिया . और जब 10 साल पढा़ने के बाद वो आपसे अपना हक मांगने लखनऊ आयेंगी तो आप लाठियाँ चलाकर कहोगें कि तुम अयोग्य हो जैसे आज शिक्षामित्रो के साथ कर रहें हो
आप उनसे 10 साल स्कूल में पठन पाठन का कार्य तो लोगे पर जब उचित श्रम की बात आयेगी तो अयोग्य कह दोगे , शिक्षामित्रो को लोग आज भी अयोग्य कह रहें हैं सरकार अयोग्य कह रही हैं पर स्कूलो में शिक्षामित्र पढा़ रहें हैं यानि कि आप बच्चो को अयोग्य शिक्षक से पढ़वा रहे हो और rte एक्ट का उल्लंघन कर रहें हो या फिर अपनी मक्कारी दिखाकर उन्हे आप सम्मान जनक वेतन देने से बच रहे हो
आज के वक्त में 1000 में बिना इस लालच के कि कल को हम पर्मानेंट हो जायेंगें कौन 5 घंटा स्कूल में पढा़येगा जबकि किसी छोटे से छोटे कान्वेंट स्कूल में उसे 5000 तक मिल सकते हैं अगर ट्यूशन भी पढ़ा दे तो कम टेंशन में ज्यादा कमाई हो सकती हैं
छोटे से छोटे कान्वेंट स्कूल भी नर्सरी क्लास में बच्चो की फीस 1000 रूपये प्रतिमाह ले रहें हैं बड़े स्कूल 5000 तक ले रहें हैं फीस और आप इस दौर में 1000 रूपये में शिक्षक ला रहें हैं वास्तविकता में आप शिक्षा का और योग्यता का rte एक्ट का मजाक बना रहें हैं
68500 शिक्षक भर्ती में टेट पास होकर लिखित परीक्षा में मुख्यमंत्री जी के ही जीओ 30 % , 33% बहाली के लिये धरना दे रहें लोगो को लाठियाँ मारकर ये कहा कि तुम अयोग्य हो , बीटीसी किया टेट , सीटेट, किया आपके जीओ 30 , 33 से लिखित परीक्षा पास की फिर भी वो अयोग्य हो गयें , और आप ग्रेजुएशन पास लड़की को प्राइमरी में पढा़ने को भेज रहे हो कहाँ गयी योग्यता का पैमान आपका
असल में आपको बच्चो की शिक्षा से या योग्यता से कोई मतलब हैं ही नही आपको केवल कागजो में बच्चो को शिक्षित दिखाना हैं एक प्राइमरी टीचर पहली सैलरी कम से कम 4200 ग्रेड़ पे 39200 रूपये पायेगा और हर साल महंगाई भत्ता इंक्रीमेंट के तौर पर 1000 तक की बढ़ोतरी और आप मानदेय 1000 पर शिक्षिका ला रहें हैं यानी कि एक टीचर की सैलरी पर कम से कम 39 टीचर वाह! क्या शिक्षा नीति हैं सरकार की
अब जब इतनी विषमतायें रखोगें तो सरकारी स्कूलो में आयेगा कौन सब तो कान्वेंट ही जायेंगें क्यो कि अपने मुँह से चिल्ला चिल्ला कर इन्हे अयोग्य भी आप कहोगे और पढ़वाओगें भी इन्ही से कुछ सालो में कह दोगे कि प्राइमरी स्कूल में कोई आता नही स्कूलो को बंद करो और सब खुशी से कान्वेंट स्कूलो में पढ़ो , इस तरह सरकार ने कागजो में rte एक्ट के तहत आपको और आने वाली पीढियो को दे दिया शिक्षा का अधिकार पर याद रहें रहें ये अधिकार तब ही मिलेगा जब नर्सरी की फीस 5000 रूपया हर महीना चुकाओगें
आँकड़ो के अनुसार बीटीसी, बीएड़ किये लोगो कि संख्या अकेले उत्तर प्रदेश में 12 से 14 लाख हैं जिनमें से करीब 4.5 लाख प्राइमरी के टेट पास हैं , जब सरकार के पास इतनी ही रिक्तियां खाली हैं शिक्षक की तो फिर इन्हे क्यो नही रखती हैं क्यो शिक्षा का और शिक्षा के अधिकार का तमाशा बनाती हैंprimary ka master, primary ka master current news, primarykamaster, basic siksha news, basic shiksha news, upbasiceduparishad, uptet
Originally published by https://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/
#गार्गी_योजना -------
उत्तर प्रदेश में अब एक नयी योजना लायी जा रही हैं और कहा जा रहा हैं कि इससे प्राथमिक शिक्षा में सुधार होगा . योजना का नाम हैं गार्गी योजना इसके तहत गांव की उन महिलाओ या बालिकाओ को अस्थायी तौर पर शिक्षिका के तौर पर रखा जायेगा जो ग्रेजुएट हैं केवल ग्रेजुएट b.ed , btc नही तो टेट और सुपर टेट का तो सवाल ही नही पैदा होता कि वो होने चाहिये
इस योजना के तहत पढ़ाने वाली शिक्षिका को मात्र 1000 रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जायेगा . अब सोचिये 1000 रूपये मानदेय पर आप कौन से शिक्षक रख रहें हैं . ये शिक्षिकायें भी बस इसी लालच में पढ़ाने के लिये तैयार होंगी कि कभी शिक्षामित्रो की तरह हमें भी पर्मानेंट न कर दिया . और जब 10 साल पढा़ने के बाद वो आपसे अपना हक मांगने लखनऊ आयेंगी तो आप लाठियाँ चलाकर कहोगें कि तुम अयोग्य हो जैसे आज शिक्षामित्रो के साथ कर रहें हो
आप उनसे 10 साल स्कूल में पठन पाठन का कार्य तो लोगे पर जब उचित श्रम की बात आयेगी तो अयोग्य कह दोगे , शिक्षामित्रो को लोग आज भी अयोग्य कह रहें हैं सरकार अयोग्य कह रही हैं पर स्कूलो में शिक्षामित्र पढा़ रहें हैं यानि कि आप बच्चो को अयोग्य शिक्षक से पढ़वा रहे हो और rte एक्ट का उल्लंघन कर रहें हो या फिर अपनी मक्कारी दिखाकर उन्हे आप सम्मान जनक वेतन देने से बच रहे हो
आज के वक्त में 1000 में बिना इस लालच के कि कल को हम पर्मानेंट हो जायेंगें कौन 5 घंटा स्कूल में पढा़येगा जबकि किसी छोटे से छोटे कान्वेंट स्कूल में उसे 5000 तक मिल सकते हैं अगर ट्यूशन भी पढ़ा दे तो कम टेंशन में ज्यादा कमाई हो सकती हैं
छोटे से छोटे कान्वेंट स्कूल भी नर्सरी क्लास में बच्चो की फीस 1000 रूपये प्रतिमाह ले रहें हैं बड़े स्कूल 5000 तक ले रहें हैं फीस और आप इस दौर में 1000 रूपये में शिक्षक ला रहें हैं वास्तविकता में आप शिक्षा का और योग्यता का rte एक्ट का मजाक बना रहें हैं
68500 शिक्षक भर्ती में टेट पास होकर लिखित परीक्षा में मुख्यमंत्री जी के ही जीओ 30 % , 33% बहाली के लिये धरना दे रहें लोगो को लाठियाँ मारकर ये कहा कि तुम अयोग्य हो , बीटीसी किया टेट , सीटेट, किया आपके जीओ 30 , 33 से लिखित परीक्षा पास की फिर भी वो अयोग्य हो गयें , और आप ग्रेजुएशन पास लड़की को प्राइमरी में पढा़ने को भेज रहे हो कहाँ गयी योग्यता का पैमान आपका
असल में आपको बच्चो की शिक्षा से या योग्यता से कोई मतलब हैं ही नही आपको केवल कागजो में बच्चो को शिक्षित दिखाना हैं एक प्राइमरी टीचर पहली सैलरी कम से कम 4200 ग्रेड़ पे 39200 रूपये पायेगा और हर साल महंगाई भत्ता इंक्रीमेंट के तौर पर 1000 तक की बढ़ोतरी और आप मानदेय 1000 पर शिक्षिका ला रहें हैं यानी कि एक टीचर की सैलरी पर कम से कम 39 टीचर वाह! क्या शिक्षा नीति हैं सरकार की
अब जब इतनी विषमतायें रखोगें तो सरकारी स्कूलो में आयेगा कौन सब तो कान्वेंट ही जायेंगें क्यो कि अपने मुँह से चिल्ला चिल्ला कर इन्हे अयोग्य भी आप कहोगे और पढ़वाओगें भी इन्ही से कुछ सालो में कह दोगे कि प्राइमरी स्कूल में कोई आता नही स्कूलो को बंद करो और सब खुशी से कान्वेंट स्कूलो में पढ़ो , इस तरह सरकार ने कागजो में rte एक्ट के तहत आपको और आने वाली पीढियो को दे दिया शिक्षा का अधिकार पर याद रहें रहें ये अधिकार तब ही मिलेगा जब नर्सरी की फीस 5000 रूपया हर महीना चुकाओगें
आँकड़ो के अनुसार बीटीसी, बीएड़ किये लोगो कि संख्या अकेले उत्तर प्रदेश में 12 से 14 लाख हैं जिनमें से करीब 4.5 लाख प्राइमरी के टेट पास हैं , जब सरकार के पास इतनी ही रिक्तियां खाली हैं शिक्षक की तो फिर इन्हे क्यो नही रखती हैं क्यो शिक्षा का और शिक्षा के अधिकार का तमाशा बनाती हैंprimary ka master, primary ka master current news, primarykamaster, basic siksha news, basic shiksha news, upbasiceduparishad, uptet
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