ज़िला_वरीयता_केस
⚫️ मुख्य न्यायाधीश महोदय की बेंच में ज़िला वरीयता के नियम की वैधता को लेकर सुनवाई हुई और जज साहब ने फ़ैसला सुरक्षित कर लिया। लेकिन अधिकांश लोग यह समझने में बिफल हैं कि वास्तव में यह मुकदमा है क्या
?
लोगों को सबसे पहली बात यह समझनी चाहिए कि इन मुक़दमो में मुख्य रूप से यह मुद्दा नही था कि 12460 भर्ती में शून्य जनपद को वरीयता मिलेगी अथवा नही। बल्कि यह मुद्दा तो बाद में तभी तय हो पाएगा जब सिंगल जज के आदेश के ख़िलाफ़ शून्य जनपद द्वारा दाख़िल स्पेशल अपीलों पर सुनवाई शुरू होगी।
शुक्रवार को जिन केस को सुना गया उनमे जज साहब को मुख्यतः 3 बिंदुओ पर इतना तय करना था कि:-
1️⃣ .... ज़िला वरीयता का नियम सही है या ग़लत ?
2️⃣ .... अगर नियम ग़लत है और उसे रद्द किया जाए तो वह कबसे रद्द माना जाएगा ? नियम बनने की तिथि से अथवा जज्मेंट आने की तिथि से ?
3️⃣ .... 15000, 16448 तथा 12460 भर्ती में जिन लोगों को नौकरी मिल चुकी है उनकी नियुक्ति रद्द होगी अथवा नही ?
⚫️ सी॰जे॰ साहब ने जिन याचिकाओं को सुनकर शुक्रवार को फ़ैसला सुरक्षित कर लिया है उनमे सिर्फ़ ऊपर लिखे 3 बिन्दुओं पर ही फ़ैसला आएगा।
⚫️ हमारी ओर से एंगेज किए गए अधिवक्ता श्री एल॰पी॰ मिश्रा ने सभी नौकरी कर रहे शिक्षकों की नियुक्ति बचाने के लिए बहस की।
⚫️ 12460 भर्ती में शून्य जनपद चयनित तथा 51 जनपद अचयनित में से किसको वरीयता मिलेगी यह बाद में तभी तय होगा जब ज़िला वरीयता की याचिकाओं पर फ़ैसला आने के बाद शून्य जनपद की स्पेशल अपीलों पर सुनवाई शुरू होगी।
⚫️ शून्य जनपद की अपीलों के साथ हमारी भी दो अपील कनेक्ट हैं जिनमे हमने सिर्फ़ यह माँग की है कि 12460 भर्ती में जो शिक्षक नियुक्ति पा चुके हैं उनको अब किसी भी फ़ैसले से डिस्टर्ब ना किया जाए।
⚫️ अब ऊपर लिखी बातों को समझे बिना या समझकर भी जो कोई व्यक्ति हमारी टीम को बेवजह टॉर्गेट करे तब ऐसे मूर्ख को उसका मूर्खतापूर्ण आचरण मुबारक!
⚫️ अन्त में यदि पूरी बात को बहुत कम शब्दों में व्यक्त किया जाए तो यही कहना है कि सभी नौकरी पाए शिक्षक सुरक्षित रहेंगे तथा शून्य जनपद एवम् 51 जनपद अचयनित के चयन पर फ़ैसला स्पेशल अपीलों की सुनवाई के बाद आएगा।
✍️कुलदीप टीम की कलम सेprimary ka master, pri
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Originally published by https://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/
⚫️ मुख्य न्यायाधीश महोदय की बेंच में ज़िला वरीयता के नियम की वैधता को लेकर सुनवाई हुई और जज साहब ने फ़ैसला सुरक्षित कर लिया। लेकिन अधिकांश लोग यह समझने में बिफल हैं कि वास्तव में यह मुकदमा है क्या
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लोगों को सबसे पहली बात यह समझनी चाहिए कि इन मुक़दमो में मुख्य रूप से यह मुद्दा नही था कि 12460 भर्ती में शून्य जनपद को वरीयता मिलेगी अथवा नही। बल्कि यह मुद्दा तो बाद में तभी तय हो पाएगा जब सिंगल जज के आदेश के ख़िलाफ़ शून्य जनपद द्वारा दाख़िल स्पेशल अपीलों पर सुनवाई शुरू होगी।
शुक्रवार को जिन केस को सुना गया उनमे जज साहब को मुख्यतः 3 बिंदुओ पर इतना तय करना था कि:-
1️⃣ .... ज़िला वरीयता का नियम सही है या ग़लत ?
2️⃣ .... अगर नियम ग़लत है और उसे रद्द किया जाए तो वह कबसे रद्द माना जाएगा ? नियम बनने की तिथि से अथवा जज्मेंट आने की तिथि से ?
3️⃣ .... 15000, 16448 तथा 12460 भर्ती में जिन लोगों को नौकरी मिल चुकी है उनकी नियुक्ति रद्द होगी अथवा नही ?
⚫️ सी॰जे॰ साहब ने जिन याचिकाओं को सुनकर शुक्रवार को फ़ैसला सुरक्षित कर लिया है उनमे सिर्फ़ ऊपर लिखे 3 बिन्दुओं पर ही फ़ैसला आएगा।
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⚫️ 12460 भर्ती में शून्य जनपद चयनित तथा 51 जनपद अचयनित में से किसको वरीयता मिलेगी यह बाद में तभी तय होगा जब ज़िला वरीयता की याचिकाओं पर फ़ैसला आने के बाद शून्य जनपद की स्पेशल अपीलों पर सुनवाई शुरू होगी।
⚫️ शून्य जनपद की अपीलों के साथ हमारी भी दो अपील कनेक्ट हैं जिनमे हमने सिर्फ़ यह माँग की है कि 12460 भर्ती में जो शिक्षक नियुक्ति पा चुके हैं उनको अब किसी भी फ़ैसले से डिस्टर्ब ना किया जाए।
⚫️ अब ऊपर लिखी बातों को समझे बिना या समझकर भी जो कोई व्यक्ति हमारी टीम को बेवजह टॉर्गेट करे तब ऐसे मूर्ख को उसका मूर्खतापूर्ण आचरण मुबारक!
⚫️ अन्त में यदि पूरी बात को बहुत कम शब्दों में व्यक्त किया जाए तो यही कहना है कि सभी नौकरी पाए शिक्षक सुरक्षित रहेंगे तथा शून्य जनपद एवम् 51 जनपद अचयनित के चयन पर फ़ैसला स्पेशल अपीलों की सुनवाई के बाद आएगा।
✍️कुलदीप टीम की कलम सेprimary ka master, pri
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