UP: 1 अक्टूबर से ऑनलाइन ही मिलेगी शिक्षकों-शिक्षामित्रों को छुट्टी

लखनऊ  बेसिक स्कूलों में गुणवत्ता, संसाधनों और शिक्षकों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए बुधवार से प्रेरणा तकनीकी फ्रेमवर्क लागू किया जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बुधवार को शाम 4 बजे आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में इसकी शुरुआत करेंगे।
इसके साथ ही शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और अनुचरों की छुट्टियों को ऑनलाइन कर दिया गया है। छुट्टी लेने के लिए इन्हें ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा। 30 सितंबर तक यह व्यवस्था ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही मोड में रहेगी। 1 अक्टूबर से इसे पूरी तरह ऑनलाइन ही स्वीकार किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बेसिक शिक्षा के शिक्षकों-कार्मिकों की सेवा पुस्तिका व छुट्टियों की व्यवस्था ऑनलाइन करने का शासनादेश सोमवार को जारी कर दिया है। इसके साथ ही प्रेरणा तकनीकी फ्रेमवर्क के भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

एक दिन में मंजूर होगा आकस्मिक अवकाश
ऑनलाइन व्यवस्था में छुट्टियों की मंजूरी की भी समय सीमा तय की गई है। आकस्मिक अवकाश (सीएल) की स्थिति में सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, अनुचर प्रेरणा ऐप के जरिए आवेदन करेंगे। 4 दिन से अधिक की सीएल है तो बीईओ उसको मंजूरी देंगे। अगर एकल विद्यालय है तो ऑनलाइन आवेदन के दिन ही बीईओ को एकल विद्यालय में किसी शिक्षक की व्यवस्था करनी होगी। जैसे ही यह जानकारी वह अपलोड करेंगे, उन्हें अवकाश स्वीकृत करना होगा। अगर वह स्वीकृत नहीं करते हैं तो भी एक दिन बाद इसे स्वीकृत मान लिया जाएगा।

दो दिन में मेडिकल लीव मंजूर करनी होगी
मेडिकल लीव में आवेदन के साथ या बाद में मेडिकल सर्टिफिकेट ऑनलाइन ही अपलोड करने का विकल्प होगा। दो दिन के भीतर इसे बीईओ को अग्रसारित करना होगा या आपत्ति लगानी होगी। अगर आपत्ति लगी है तो दो दिन में शिक्षक को उसे दूर करना होगा अन्यथा आवेदन रद हो जाएगा। अगर कोई आपत्ति नहीं तो वह बीएसए को अग्रसारित हो जाएगा। दो दिन के भीतर बीएसए उस पर निर्णय ले लेंगे। 42 दिन से कम की मेडिकल लीव है तो बीईओ मंजूरी देंगे और अगर उससे ऊपर है तो बीएसए मंजूर करेंगे। शिक्षक आवेदन की तारीख से ही अवकाश पर रह सकेगा। मातृत्व व बाल्य देखभाल अवकाश की स्थिति में भी यही प्रक्रिया होगी, बस आवेदन के साथ ही दस्तावेज अपलोड करने होंगे। 31 अक्टूबर तक बीएसए को सेवा पुस्तिका का ऑनलाइन अपडेशन पूरा करने को कहा गया है। 31 दिसबंर तक सर्विस रजिस्टर भी ऑनलाइन कर दिए जाएंगे। इसके बाद जीपीएफ लोन जैसी सेवाएं भी ऑनलाइन हो जाएंगी।

1 अक्टूबर से फोटो से तय होगी एमडीएम की संख्या
बुधवार से शुरू हो रहे प्रेरणा ऐप में सात मॉड्यूल होंगे। इसमें उपस्थित, मिड डे मील और मानव संपदा पोर्टल के साथ इसका इंटीग्रेशन सबसे अहम है। 1 अक्टूबर से मिड डे मील के लिए बच्चों की संख्या उतनी ही मानी जाएगी जितने की फोटो प्रेरणा ऐप पर अपलोड की जाएगी। शिक्षक को ऐप पर फोटो अपलोड करने के साथ ही बच्चों की संख्या भी अपलोड करनी होगी। इसके आधार पर एमडीएम का पैसा जारी किया जाएगा। ऐप के जरिए ही शिक्षकों की उपस्थिति भी जांची जाएगी। उन्हें स्कूल खुलने के समय, लंच टाइम और छुट्टी के समय बच्चों के साथ ग्रुप फोटो अपलोड करना होगा। इसके लिए पहली बार जियो-फेंसिंग करनी होगी। ऐप ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों ही मोड में टाइम लॉक के साथ उपलब्ध होगा। ऐसे में ऑफलाइन मोड में भी ली गई फोटो रियल टाइम के साथ सेंट्रल सर्वर में अपलोड हो जाएगी। महिला शिक्षकों की पुरुष शिक्षकों के साथ सेल्फी की बाध्यता नहीं होगी।

कायाकल्प से लेकर समीक्षा तक ऑनलाइन
स्कूलों में आधारभूत संसाधनों की उपलब्धता व आवश्यकता इसकी भी जानकारी प्रेरणा ऐप के जरिए ऑनलाइन अपलोड की जाएगी। इसमें पानी, फर्श, ब्लैकबोर्ड, टॉयलेट, हैंड वॉश, रैंप, रेलिंग, बाउंड्री, डिवलेपमेंट प्लान, बिजली, साबुन, सफाई, खेल-कूद का मैदान, फर्नीचर आदि की जानकारी शामिल है। इसके आधार पर कायाकल्य योजना के तहत सभी कमियां दूर की जाएंगी। जिला व ब्लॉक स्तरीय टास्कफोर्स भी हर महीने स्कूलों की निरीक्षण रिपोर्ट भी प्रेरणा ऐप के जरिए ही ऑनलाइन देगी। महीने में कम से कम 5 स्कूलों का निरीक्षण अनिवार्य होगा।