इलाहाबाद हाईकोर्ट 68500 ने सहायक अध्यापकों की भर्ती में गड़बड़ी करने
वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई
पर एफआईआर की कॉपी भी पेश करने को कहा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने उवर्शी, कविता यादव व अन्य कई की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से कहा है कि गलत तरीके से अंक बढ़ाकर अभ्यर्थियों को नियुक्तियां देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएं। कोर्ट में ऐसे 49 मामले सामने आए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग इन्हें पहले ही बर्खास्त कर चुका है। याचिकाएं बर्खास्तगी को लेकर ही दाखिल हुई हैं। याची 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति पाकर नौकरी कर रहे थे। 16 अगस्त 2019 को उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। मामले के तथ्यों के अनुसार याचियों की नियुक्तियों के संदर्भ में शिकायत के बाद 49 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की फिर से जांच कराई गई जो वे अनुत्तीर्ण पाए गए।
बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार यादव ने कोर्ट को बताया कि याचियों की उत्तर पुस्तिकाओं और टेबुलेशन चार्ट के अंकों में अंतर पाया गया है। टेबुलशन चार्ट में उत्तर पुस्तिकाओं से काफी ज्यादा नंबर देकर उन्हें उत्तीर्ण किया गया है और टेबुलेशन चार्ट के आधार पर नियुक्ति भी दी गई हैं। ये उत्तर पुस्तिकाएं कोर्ट में पेश की गईं तो पाया गया कि सभी उत्तर पुस्तिकाओं के टेबुलेशन चार्ट में नंबर बढ़ाए गए हैं। 14 कॉपियों में मिले नबंरों और टेबुलेशन चार्ट के नंबरों में बहुत ज्यादा अंतर पाया गया।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने उवर्शी, कविता यादव व अन्य कई की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से कहा है कि गलत तरीके से अंक बढ़ाकर अभ्यर्थियों को नियुक्तियां देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएं। कोर्ट में ऐसे 49 मामले सामने आए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग इन्हें पहले ही बर्खास्त कर चुका है। याचिकाएं बर्खास्तगी को लेकर ही दाखिल हुई हैं। याची 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति पाकर नौकरी कर रहे थे। 16 अगस्त 2019 को उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। मामले के तथ्यों के अनुसार याचियों की नियुक्तियों के संदर्भ में शिकायत के बाद 49 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की फिर से जांच कराई गई जो वे अनुत्तीर्ण पाए गए।
बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार यादव ने कोर्ट को बताया कि याचियों की उत्तर पुस्तिकाओं और टेबुलेशन चार्ट के अंकों में अंतर पाया गया है। टेबुलशन चार्ट में उत्तर पुस्तिकाओं से काफी ज्यादा नंबर देकर उन्हें उत्तीर्ण किया गया है और टेबुलेशन चार्ट के आधार पर नियुक्ति भी दी गई हैं। ये उत्तर पुस्तिकाएं कोर्ट में पेश की गईं तो पाया गया कि सभी उत्तर पुस्तिकाओं के टेबुलेशन चार्ट में नंबर बढ़ाए गए हैं। 14 कॉपियों में मिले नबंरों और टेबुलेशन चार्ट के नंबरों में बहुत ज्यादा अंतर पाया गया।