इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्रोफेसरों के पद के लिए फिर से आवेदन का मौका ,सवर्ण आरक्षण का मिलेगा लाभ

प्रयागराज | इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्तियों को बहाल करने के बाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसरों के रिक्त पदों के लिए आवेदन का एक और मौका मिलेगा। विश्वविद्यालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस वर्ष 23 अप्रैल को जारी किए गए विज्ञापन में इन दोनों पदों के लिए गरीब सवर्ण यानी ईडब्ल्यूएस के लिए पद आरक्षित नहीं किए गए थे।

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विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के 66 और एसोसिएट प्रोफेसर के कुल 156 पदों में ओबीसी ,एससी और एसटी के लिए ही पद आरक्षित किए गए थे, जिसे लेकर सवाल उठे थे। विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों ने शिकायत की जिसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षक भर्ती रोक दी थी ।उनका कहना था कि सभी पदों के लिए ईडब्ल्यूएस का आरक्षण अनिवार्य है। शिकायत करने वालों ने विश्वविद्यालय के विज्ञापन को भी आधार बनाया था। जिसमें इन 2 पदों में भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण का प्रावधान किया गया था। वहीं इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि तब तक इस बारे में एमएचआरडी मंत्रालय का कोई स्पष्ट आदेश नहीं आया था।

विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो एमएचआरडी मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट करते हुए प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसरों के रिक्त पदों पर ईडब्ल्यूएस को आरक्षण देने की बात कही है।इसलिए विश्वविद्यालय को संशोधित विज्ञापन जारी करते हुए फिर से आवेदन लेना होगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय सूत्रों का कहना है कि छुट्टी के बाद दोनों पदों का संशोधन विज्ञापन जारी हो सकता है।वहीं दूसरी ओर कुछ अभ्यर्थियों ने असिस्टेंट प्रोफेसर के 336 पदों का विज्ञापन भी फिर से जारी करने की मांग की है इस तर्क के साथ ही विज्ञापन जारी हुए छह माह से अधिक हो गए हैं लगभग नौ माह बीत चुके हैं इस दौरान कई और अभ्यर्थी असिस्टेंट प्रोफेसर पद की योग्य हैं जिन्हें भर्ती में मौका मिलना चाहिए। गौरतलब है विवि लंबे समय से शिक्षकों की कमी झेल रहा था ऐसे में गेस्ट फैकल्टी के जरिये काम कराया जा रहा था।

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