इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जल्द शुरू होगीं नियुक्तियां ,एक हजार से अधिक पद खाली

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पिछले 9 महीने से शिक्षक बहाली और नियुक्तियों पर लगी रोक मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा हटा ली गई है । मार्च 2019 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था पर जून 2019 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अगले आदेश तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय की नियुक्तियों पर अस्थाई रोक लगा दी गयी थी।

सदन में उठा था मामला
लाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती पर लगी रोक का मामला 4 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में भी गूंजा था। शून्य काल के दौरान समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रेवती रमन सिंह ने राज्यसभा में इस विषय पर सदन में प्रश्न उठाया था। उन्होंने सदन के माध्यम से मांग कि थी की इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती पर लगी अस्थाई रोक को हटाया जाए। विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ चितरंजन कुमार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक शिक्षकों के 500 से ज्यादा पद खाली हैं। कई विभागों में तो 15 से 20 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। कुलपति प्रो रतनलाल हांगलू के आने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय और उससे संबंधित संघटक कॉलेजों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। लगभग सभी कॉलेजों में शिक्षकों के पद पर नियुक्ति हो चुकी है पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय मुख्य परिसर में अभी भी 500 से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं।
एक हजार ज्यादा पद खाली
कैम्पस के कला, वाणिज्य, विधि और विज्ञान संकाय में शिक्षकों के सैकड़ों पद रिक्त हैं। फिलहाल इनपर गेस्ट लेक्चरर द्वारा कार्य किया जा रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में पिछले दिनों नए शिक्षा सचिव ने अपना दायित्व ग्रहण किया है उनके आने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में नियुक्तियों को पुनः आरंभ करने की मंजूरी प्रदान कर दी है।जून 2019 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को कुलपति और विश्वविद्यालय के खिलाफ जो आरोप भेजे गए थे जांच के बाद वे बेबुनियाद और आधारहीन पाए गए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षकों के करीब 550 और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के करीब 530 पद रिक्त हैं ।

धांधली के थे आरोप
बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सेक्रेटरी सूरत सिंह द्वारा पत्र भेजकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।गौरतलब है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू पर विश्वविद्यालय के संगठक महाविद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति को लेकर धांधली के कई आरोप लगाए गए थे। जिसको लेकर विश्वविद्यालय के छात्र नेता और पूर्व शिक्षकों का एक गुट लामबंद था लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय की नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू करने का निर्देश दिया गया है। हालाकि जानकारी के मुताबिक़ कुलपति पर लगाये गये आरोपों की फाइल अभी तक मंत्रालय में अटकी पड़ी है ।

No comments:

Post a Comment

Nhật xét mới nhất

Comments