साथियों नमस्कार, कुछ जानकारियां हैं, जिनके लिए आप सब चिंतित होंगे, मैं आप सबसे साझा कर रहा हूं। पोस्ट लंबी है पर प्रत्येक बिंदु अक्षरशः सत्य हैं। अतः पोस्ट पढ़ने के बाद किसी प्रकार के भ्रम में न पड़ें।
🛑 06 जनवरी 2020, मुख्यमंत्री महोदय से भेंट का प्रयास ------
साथियों, 06 जनवरी 2020 यानी कल, 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा का एक वर्ष पूर्ण हुआ था। सभी ने इसे अपने अनुरूप देखा और इसे विभिन्न दिवसों का नाम दिया। लेकिन हमने इसे एक उम्मीद दिवस के रूप में मनाने का प्रयास किया। इसका कारण मात्र यह था कि हमने अभी भी अपनी सकारात्मकता को खोया नहीं है। हमें अभी भी उम्मीद है कि देर से ही सही पर एक न एक दिन #सरकार_झुकेगी, #न्यायालय _बात_सुनेगा, #योग्यता_जीतेगी और प्राथमिक विद्यालय के बच्चों का भविष्य #स्वर्णिम होगा।
साथियों, इसके लिए हमने 6 जनवरी की शुरुआत होते ही रात 12:00 बजे कुछ साथियों के साथ अपनी दस्तक मुख्यमंत्री आवास पर दे दी।
हमारा उद्देश्य दो बातों को स्पष्ट करना था --
1. 06 जनवरी 2020 सरकार के लिए आसान नहीं जाने वाली।
2. 69000 शिक्षक भर्ती को वो भूले हैं, पर हमारी उम्मीद अभी भी बरकरार है।
रात को ही वहां से हमें न सिर्फ हटाया गया बल्कि प्रशासन द्वारा विधिक कार्यवाही के लिए भी चेताया गया। तत्पश्चात, हमने GPO पार्क, हजरतगंज जाना उचित समझा और हम 5 साथियों ने अपनी रात वहीं गुजारी। हम अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। सूर्य निकलने से पहले ही हम अपनी दस्तक दुबारा मुख्यमंत्री आवास पर दे चुके थे।
सुबह 08 बजे तक लखनऊ के कुछ साथियों के साथ हमारी संख्या 11 हो चुकी थी। हम उस लाइन में लगे जिससे मुख्यमंत्री जी के जनता दरबार में हमें प्रवेश मिलता। लेकिन प्रशासन पूरी तरह से हमसे त्रस्त था और हम सभी 69000 भर्ती के साथियों को चिन्हित करके लाइन से पहले अलग निकाला गया। उसके बाद केवल दो लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई।
मैं और एक साथी अमित गंगवार जनता दरबार में मुख्यमंत्री से भेंट की उम्मीद से अंदर गए।
जनता दरबार में मुख्यमंत्री जी के स्थान पर उनके विशेष अधिकारी (OSD) एवं सरकार के एक राज्य मंत्री से भेंट हुई। उनसे बार - बार निवेदन किया गया कि किसी भी तरह से मुख्यमंत्री जी से मिलाने का प्रयास करें। उनके द्वारा स्पष्ट बताया गया कि मुख्यमंत्री से भेंट किसी भी स्तर पर संभव नहीं है। इससे सरकार का अपनी इस भर्ती और जनता दोनों के प्रति उदासीनता का भाव स्पष्ट हो चुका था। साथ ही हमारे अनन्त प्रयास के बावजूद भी अन्य साथियों को पहले लाइन से निकालना और फिर अंदर गए लोगों से भी मुख्यमंत्री जी से मुलाकात न करवाना मुझे किसी तानाशाही से कम नजर नहीं आता।
वहां साथ ही हमें स्पष्ट संकेत दिए गए कि यदि प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर के भाजपा के किसी बड़े नेता का सीधा माध्यम हो तब इस भर्ती के संबंध में भेंट की कुछ संभावना है।
इससे हमारा अगला पड़ाव भी तय हो चुका था और वह था "भाजपा प्रदेश कार्यालय"।
भाजपा कार्यालय से पहले हमने राज्यपाल महोदया से भी मिलकर अपनी समस्या बताने का प्रयास किया। पर वे किसी कार्यक्रम में बाहर गई थीं।
उसके बाद भाजपा कार्यालय पहुंच कर हम प्रदेश अध्यक्ष या किसी अन्य बड़े नेता से मिलने का इंतजार कर ही रहे थे कि पुलिस फोर्स द्वारा हल्का बल प्रयोग करके हमें हटाया गया और साथ ही एक कोरा झूठ कहा गया कि कार्यालय पर कोई नहीं है।
साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि किसी भी भर्ती के संबंध में मुख्यमंत्री या अन्य सभी बड़े नेताओं ने मिलने से साफ मना कर रखा है। चाहें वह माध्यम सामूहिक दबाव हो या कोई व्यक्तिगत संपर्क।
इससे कल हमें यह स्पष्ट हो गया कि सरकार का ध्यान इस समय पूरी तरह से इस भर्ती से हट चुका है। साथ ही कुछ अन्य लीगल टीम के साथियों द्वारा किया गया दावा भी झूठा साबित हुआ जो यह झूठी तसल्ली दे रहे थे कि सरकार इस भर्ती को पूरा कराने के लिए कुछ बड़ा करने जा रही है।
🛑 07 जनवरी 2020, हाईकोर्ट में अपने केस की सुनवाई की डेट निर्धारित किये जाने के लिए प्रयास------
हालांकि कुछ लीगल टीमों के द्वारा 6 जनवरी को ही रजिस्ट्रार के यहां एप्लीकेशन लगाने का दावा किया गया था। पर आज अपने अधिवक्ता श्री डीपी शुक्ला जी द्वारा और मेरे स्वयं कोर्ट पहुंच कर वस्तुस्थिति जानने पर पता चला की यह मात्र एक कोरी अफ़वाह थी, जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं था। साथ ही उनकी टीम की एक जूनियर अधिवक्ता से बात करने पर यह स्पष्ट हुआ कि वो आज न्यायालय से बाहर हैं और इस संबंध में उनके द्वारा अभी तक कोई एप्लीकेशन नहीं दी गई है और यह भी कहा कि वो कल यानी 8 जनवरी को एप्लिकेशन देंगी।
चूंकि हमारी टीम इस केस में अब जरा सा भी विलंब नही चाहती इसलिए आज करीब 3 बजे अपने अधिवक्ता महोदय के साथ हाईकोर्ट रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर केस लिस्टिंग के लिए एप्लिकेशन दी।
रजिस्ट्रार महोदय ने हमारे अधिवक्ता द्वारा दी गई एप्लिकेशन को मार्क करके तुरन्त उसे #नॉमिनेशन_ऑफ_बेंच की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ा दिया।
नॉमिनेशन ऑफ बेंच की प्रक्रिया :-----
रजिस्ट्रार महोदय ने आज हमारे द्वारा दी गई एप्लिकेशन पर अपने केस SPLA- 156/2019 की रिपोर्ट मंगवाने का आदेश दिया है। कल या परसों तक केस की रिपोर्ट आने पर वो उसे लेकर सीनियर जज पंकज जायसवाल जी के पास जायेंगे और उनके द्वारा बताई गई डेट जो कि सम्भवतः #अगले_सप्ताह में होगी, उस डेट पर केस को लिस्ट करेंगे।
रजिस्ट्रार महोदय ने यह भी बताया कि आपके केस की सुनवाई अब स्पेशल अपील की रेगुलर कोर्ट यानी कोर्ट नम्बर -1 में जस्टिस पंकज जायसवाल जी और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी जी की बेंच में फिर से होगी।
साथियों सरकार का भर्ती तो छोड़िए केस को लिस्ट कराने के लिए भी कोई प्रयास नहीं है। लेकिन हम असहाय और मजबूर हैं कि सत्ताधारियों का कुछ नहीं कर सकते।
साथ ही जो कुछ लोग केस को लेकर एक भ्रम पैदा करते हैं और उसे इतनी बार दोहरा देते हैं कि उन्हें स्वयं ही वह झूठ, सच जैसा लगने लगता है। उनसे बस एक ही मांग है जो सच है वो बताएं।भर्ती किसी की बपौती नहीं है। आप झूठ फैला कर कुछ समय के लिए सबकी नज़रों में सही साबित होने का प्रयास जरूर कर लेंगे लेकिन सच से पर्दा उठते ही सब झूठे भ्रम ख़ाक हो जायेंगे।
मेरी अभी उम्र कम ही है। कई प्रतियोगी परीक्षा में बैठ सकता हूं। उनकी तैयारी के लिए भी क्षमतावान हूं। न कि मंदबुद्धि अधिक उम्र का धोखेबाज प्रतियोगी अभ्यर्थी। इसलिए मैं आपको अपने जैसा समझता हूं। और मुझे लगता है हमें आज यदि किसी चीज की सबसे अधिक आवश्यकता है तो वह है " #सच "।
बस, मेरा उद्देश्य इस भर्ती में 90-97 अंक प्राप्त हर अभ्यर्थी को उसका हक दिलाना है। उसके लिए मैं हर जमीनी लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं ' #सड़क_से_क्रांति ' का समर्थक हूं न कि '05 इंच की स्क्रीन में उंगली दौड़ाने की क्रांति का'। क्योंकि सत्ता को झुकाने के लिए 05 इंच की स्क्रीन पर नहीं हजारों गज की सड़क पर लड़ाई की जरूरत होती है। और मैं इस लड़ाई के तरीके के लिए भी तैयार हूं। बस इंतजार है माहौल के सामान्य होने का और सत्ता को दिए गए अवसरों के खत्म होने का।
धारा 144 की प्रतिकूल परिस्थिति में भी कल जिन साथियों ने अंतिम समय तक साथ दिया वे स्वाभिप्रेरत थे। उनका मैं धन्यवाद करूंगा। कल भले ही हम उम्मीदों के अनुरूप सफलता नहीं हासिल कर सके पर सत्ता को इतना समझा दिया कि यह 11 की संख्या 11 हजार बनने में कोई देर नहीं लगेगी।
जो साथी कल भीषण ठंड में रात की प्रतिकूल परिस्थिति में यहां पहुंचे उनका मैं धन्यवाद करने के बजाय 69000 परिवारों के प्रति उनकी #प्रतिबद्धता को हजारों बार सलाम करूंगा।
Harshit Yadav
Atul Kumar
#Amit_Gangwar
Ayush Dhar Divedi
🛑 06 जनवरी 2020, मुख्यमंत्री महोदय से भेंट का प्रयास ------
साथियों, 06 जनवरी 2020 यानी कल, 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा का एक वर्ष पूर्ण हुआ था। सभी ने इसे अपने अनुरूप देखा और इसे विभिन्न दिवसों का नाम दिया। लेकिन हमने इसे एक उम्मीद दिवस के रूप में मनाने का प्रयास किया। इसका कारण मात्र यह था कि हमने अभी भी अपनी सकारात्मकता को खोया नहीं है। हमें अभी भी उम्मीद है कि देर से ही सही पर एक न एक दिन #सरकार_झुकेगी, #न्यायालय _बात_सुनेगा, #योग्यता_जीतेगी और प्राथमिक विद्यालय के बच्चों का भविष्य #स्वर्णिम होगा।
साथियों, इसके लिए हमने 6 जनवरी की शुरुआत होते ही रात 12:00 बजे कुछ साथियों के साथ अपनी दस्तक मुख्यमंत्री आवास पर दे दी।
हमारा उद्देश्य दो बातों को स्पष्ट करना था --
1. 06 जनवरी 2020 सरकार के लिए आसान नहीं जाने वाली।
2. 69000 शिक्षक भर्ती को वो भूले हैं, पर हमारी उम्मीद अभी भी बरकरार है।
रात को ही वहां से हमें न सिर्फ हटाया गया बल्कि प्रशासन द्वारा विधिक कार्यवाही के लिए भी चेताया गया। तत्पश्चात, हमने GPO पार्क, हजरतगंज जाना उचित समझा और हम 5 साथियों ने अपनी रात वहीं गुजारी। हम अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। सूर्य निकलने से पहले ही हम अपनी दस्तक दुबारा मुख्यमंत्री आवास पर दे चुके थे।
सुबह 08 बजे तक लखनऊ के कुछ साथियों के साथ हमारी संख्या 11 हो चुकी थी। हम उस लाइन में लगे जिससे मुख्यमंत्री जी के जनता दरबार में हमें प्रवेश मिलता। लेकिन प्रशासन पूरी तरह से हमसे त्रस्त था और हम सभी 69000 भर्ती के साथियों को चिन्हित करके लाइन से पहले अलग निकाला गया। उसके बाद केवल दो लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई।
मैं और एक साथी अमित गंगवार जनता दरबार में मुख्यमंत्री से भेंट की उम्मीद से अंदर गए।
जनता दरबार में मुख्यमंत्री जी के स्थान पर उनके विशेष अधिकारी (OSD) एवं सरकार के एक राज्य मंत्री से भेंट हुई। उनसे बार - बार निवेदन किया गया कि किसी भी तरह से मुख्यमंत्री जी से मिलाने का प्रयास करें। उनके द्वारा स्पष्ट बताया गया कि मुख्यमंत्री से भेंट किसी भी स्तर पर संभव नहीं है। इससे सरकार का अपनी इस भर्ती और जनता दोनों के प्रति उदासीनता का भाव स्पष्ट हो चुका था। साथ ही हमारे अनन्त प्रयास के बावजूद भी अन्य साथियों को पहले लाइन से निकालना और फिर अंदर गए लोगों से भी मुख्यमंत्री जी से मुलाकात न करवाना मुझे किसी तानाशाही से कम नजर नहीं आता।
वहां साथ ही हमें स्पष्ट संकेत दिए गए कि यदि प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर के भाजपा के किसी बड़े नेता का सीधा माध्यम हो तब इस भर्ती के संबंध में भेंट की कुछ संभावना है।
इससे हमारा अगला पड़ाव भी तय हो चुका था और वह था "भाजपा प्रदेश कार्यालय"।
भाजपा कार्यालय से पहले हमने राज्यपाल महोदया से भी मिलकर अपनी समस्या बताने का प्रयास किया। पर वे किसी कार्यक्रम में बाहर गई थीं।
उसके बाद भाजपा कार्यालय पहुंच कर हम प्रदेश अध्यक्ष या किसी अन्य बड़े नेता से मिलने का इंतजार कर ही रहे थे कि पुलिस फोर्स द्वारा हल्का बल प्रयोग करके हमें हटाया गया और साथ ही एक कोरा झूठ कहा गया कि कार्यालय पर कोई नहीं है।
साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि किसी भी भर्ती के संबंध में मुख्यमंत्री या अन्य सभी बड़े नेताओं ने मिलने से साफ मना कर रखा है। चाहें वह माध्यम सामूहिक दबाव हो या कोई व्यक्तिगत संपर्क।
इससे कल हमें यह स्पष्ट हो गया कि सरकार का ध्यान इस समय पूरी तरह से इस भर्ती से हट चुका है। साथ ही कुछ अन्य लीगल टीम के साथियों द्वारा किया गया दावा भी झूठा साबित हुआ जो यह झूठी तसल्ली दे रहे थे कि सरकार इस भर्ती को पूरा कराने के लिए कुछ बड़ा करने जा रही है।
🛑 07 जनवरी 2020, हाईकोर्ट में अपने केस की सुनवाई की डेट निर्धारित किये जाने के लिए प्रयास------
हालांकि कुछ लीगल टीमों के द्वारा 6 जनवरी को ही रजिस्ट्रार के यहां एप्लीकेशन लगाने का दावा किया गया था। पर आज अपने अधिवक्ता श्री डीपी शुक्ला जी द्वारा और मेरे स्वयं कोर्ट पहुंच कर वस्तुस्थिति जानने पर पता चला की यह मात्र एक कोरी अफ़वाह थी, जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं था। साथ ही उनकी टीम की एक जूनियर अधिवक्ता से बात करने पर यह स्पष्ट हुआ कि वो आज न्यायालय से बाहर हैं और इस संबंध में उनके द्वारा अभी तक कोई एप्लीकेशन नहीं दी गई है और यह भी कहा कि वो कल यानी 8 जनवरी को एप्लिकेशन देंगी।
चूंकि हमारी टीम इस केस में अब जरा सा भी विलंब नही चाहती इसलिए आज करीब 3 बजे अपने अधिवक्ता महोदय के साथ हाईकोर्ट रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर केस लिस्टिंग के लिए एप्लिकेशन दी।
रजिस्ट्रार महोदय ने हमारे अधिवक्ता द्वारा दी गई एप्लिकेशन को मार्क करके तुरन्त उसे #नॉमिनेशन_ऑफ_बेंच की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ा दिया।
नॉमिनेशन ऑफ बेंच की प्रक्रिया :-----
रजिस्ट्रार महोदय ने आज हमारे द्वारा दी गई एप्लिकेशन पर अपने केस SPLA- 156/2019 की रिपोर्ट मंगवाने का आदेश दिया है। कल या परसों तक केस की रिपोर्ट आने पर वो उसे लेकर सीनियर जज पंकज जायसवाल जी के पास जायेंगे और उनके द्वारा बताई गई डेट जो कि सम्भवतः #अगले_सप्ताह में होगी, उस डेट पर केस को लिस्ट करेंगे।
रजिस्ट्रार महोदय ने यह भी बताया कि आपके केस की सुनवाई अब स्पेशल अपील की रेगुलर कोर्ट यानी कोर्ट नम्बर -1 में जस्टिस पंकज जायसवाल जी और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी जी की बेंच में फिर से होगी।
साथियों सरकार का भर्ती तो छोड़िए केस को लिस्ट कराने के लिए भी कोई प्रयास नहीं है। लेकिन हम असहाय और मजबूर हैं कि सत्ताधारियों का कुछ नहीं कर सकते।
साथ ही जो कुछ लोग केस को लेकर एक भ्रम पैदा करते हैं और उसे इतनी बार दोहरा देते हैं कि उन्हें स्वयं ही वह झूठ, सच जैसा लगने लगता है। उनसे बस एक ही मांग है जो सच है वो बताएं।भर्ती किसी की बपौती नहीं है। आप झूठ फैला कर कुछ समय के लिए सबकी नज़रों में सही साबित होने का प्रयास जरूर कर लेंगे लेकिन सच से पर्दा उठते ही सब झूठे भ्रम ख़ाक हो जायेंगे।
मेरी अभी उम्र कम ही है। कई प्रतियोगी परीक्षा में बैठ सकता हूं। उनकी तैयारी के लिए भी क्षमतावान हूं। न कि मंदबुद्धि अधिक उम्र का धोखेबाज प्रतियोगी अभ्यर्थी। इसलिए मैं आपको अपने जैसा समझता हूं। और मुझे लगता है हमें आज यदि किसी चीज की सबसे अधिक आवश्यकता है तो वह है " #सच "।
बस, मेरा उद्देश्य इस भर्ती में 90-97 अंक प्राप्त हर अभ्यर्थी को उसका हक दिलाना है। उसके लिए मैं हर जमीनी लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं ' #सड़क_से_क्रांति ' का समर्थक हूं न कि '05 इंच की स्क्रीन में उंगली दौड़ाने की क्रांति का'। क्योंकि सत्ता को झुकाने के लिए 05 इंच की स्क्रीन पर नहीं हजारों गज की सड़क पर लड़ाई की जरूरत होती है। और मैं इस लड़ाई के तरीके के लिए भी तैयार हूं। बस इंतजार है माहौल के सामान्य होने का और सत्ता को दिए गए अवसरों के खत्म होने का।
धारा 144 की प्रतिकूल परिस्थिति में भी कल जिन साथियों ने अंतिम समय तक साथ दिया वे स्वाभिप्रेरत थे। उनका मैं धन्यवाद करूंगा। कल भले ही हम उम्मीदों के अनुरूप सफलता नहीं हासिल कर सके पर सत्ता को इतना समझा दिया कि यह 11 की संख्या 11 हजार बनने में कोई देर नहीं लगेगी।
जो साथी कल भीषण ठंड में रात की प्रतिकूल परिस्थिति में यहां पहुंचे उनका मैं धन्यवाद करने के बजाय 69000 परिवारों के प्रति उनकी #प्रतिबद्धता को हजारों बार सलाम करूंगा।
Harshit Yadav
Atul Kumar
#Amit_Gangwar
Ayush Dhar Divedi