केजीबीवी की 5600 ग्रामीण लड़कियां आगे पढ़ाई कर सकेंगी, कक्षा 9 से 12 तक छात्राओं का प्रवेश
आगे पढ़ने की इच्छा रखने वाली लड़कियों को अब दूरी की वजह से मायूस नहीं होना पड़ेगा। ऐसी 5600 लड़कियों का सपना इस वर्ष पूरा होगा। प्रदेश के शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों में 56 बालिका छात्रावास बन कर तैयार हो गए हैं। यहां कक्षा 9 से 12 तक पढ़ने वाली छात्राएं रह सकेंगी। हर छात्रावास में 100-100 छात्राएं रहेंगी।
बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने आदेश जारी कर कहा है कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के तहत केजीबीवी के परिसर में 56 हॉस्टल बनवाए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक छात्राओं का प्रवेश कर उन्हें इस हॉस्टल में रखा जाएगा और उन्हें आवासीय सुविधा निशुल्क दी जाएगी। केजीबीवी में कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई होती है।
रहने के लिए हॉस्टल बन कर तैयार
जिन हॉस्टलों का निर्माण 2008 में शुरू हुआ था अब वे पूरे हो चुके हैं। ऐसे 56 छात्रावासों में छात्राएं रह कर पढ़ सकेंगी। वहीं अब केजीबीवी में पढ़ रही लड़कियों को आगे पढ़ाने के लिए योजना बनाई है और पहले चरण में लगभग 350 स्कूलों को उच्चीकृत किया जाएगा।
आगे पढ़ने की इच्छा रखने वाली लड़कियों को अब दूरी की वजह से मायूस नहीं होना पड़ेगा। ऐसी 5600 लड़कियों का सपना इस वर्ष पूरा होगा। प्रदेश के शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों में 56 बालिका छात्रावास बन कर तैयार हो गए हैं। यहां कक्षा 9 से 12 तक पढ़ने वाली छात्राएं रह सकेंगी। हर छात्रावास में 100-100 छात्राएं रहेंगी।
बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने आदेश जारी कर कहा है कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के तहत केजीबीवी के परिसर में 56 हॉस्टल बनवाए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक छात्राओं का प्रवेश कर उन्हें इस हॉस्टल में रखा जाएगा और उन्हें आवासीय सुविधा निशुल्क दी जाएगी। केजीबीवी में कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई होती है।
रहने के लिए हॉस्टल बन कर तैयार
जिन हॉस्टलों का निर्माण 2008 में शुरू हुआ था अब वे पूरे हो चुके हैं। ऐसे 56 छात्रावासों में छात्राएं रह कर पढ़ सकेंगी। वहीं अब केजीबीवी में पढ़ रही लड़कियों को आगे पढ़ाने के लिए योजना बनाई है और पहले चरण में लगभग 350 स्कूलों को उच्चीकृत किया जाएगा।