अंतरिम आर्डर समीक्षा: 69000 शिक्षक भर्ती सर्वोच्च न्यायालय
✍🏼टीम रिज़वान अंसारी
कोर्ट ने सरकार सहित सभी विपक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 14 जुलाई 2020 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
06 जुलाई तक राज्य सरकार को निम्न बिंदुओं पर अपना जवाब बिंदुवार देने का निर्देश दिया-
➡️1- इस समय प्रदेश में कितने शिक्षामित्र कार्यरत हैं? कितने शिक्षामित्रों ने भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग किया?
➡️2-ऐसे कितने शिक्षामित्र हैं जिन्होंने ATRE के सामान्य वर्ग में 45% अंकों से अधिक एवं आरक्षित वर्ग में 40% से अधिक अंक प्राप्त किये?
➡️3- ऐसे शिक्षामित्रों का रोल नम्बर वाइज डेटा उपलब्ध कराएं।
समायोजन निरस्त होने के बाद (1.37 लाख) जो शिक्षामित्र सहायक अध्यापक पदों के सापेक्ष कार्यरत हैं उनको कतई न छेड़ा जाए। इन पदों के अतिरिक्त शेष पदों पर सरकार अपनी भर्ती प्रक्रिया का सहारा लेकर पदों को भर सकती है।
सरकार का जवाब दाखिल होने के एक सप्ताह के अंदर पक्षकार अभ्यर्थी भी अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं यदि अभ्यर्थियों को ये लगता है कि सरकार द्वारा कोई तथ्य छुपाया गया है।
केस के पूर्ण निस्तारण के लिए अगली सुनवाई 14 जुलाई 2020 को मुकर्रर की गई है।
⚖️Conclusion:- मा०सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे शिक्षामित्र जो 45% और 40% के दायरे में आते हैं के पदों को सुरक्षित करने के बाद शेष खाली पदों पर सरकार को भर्ती करने का डायरेक्शन दिया। अब ये शेष पद 69000 भर्ती के हैं या 1.37 लाख उन शिक्षामित्रों के पद हैं जो सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे।अब सवाल ये है कि आखिर सरकार अब भर्ती प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ाएगी? सरकार ने सुनवाई के दौरान ये नही बताया कि ये भर्ती किन पदों पर कर रही है। यदि इस आदेश का गलत इंटरप्रिटेशन करने के बाद सरकार ने कोई भी प्रोसेस को आगे बढ़ाया तो कहीं न कहीं इस आदेश की अवमानना हो जाएगी। जो भर्ती प्रक्रिया पर एक ग्रहण हो जाएगा।
अंततः अप्रत्यक्ष रूप से इस आदेश से वो प्राप्त हुआ जो टीम प्रत्यक्ष रूप से चाहती थी। यह कहने में तनिक भी संकोच नही कि 25 जुलाई 2017 के बाद शिक्षामित्रों को अगली तारीख 14 जुलाई 2020 मिली है। इस आदेश से टेट पास और नॉन टेट शिक्षामित्रों का कितना कल्याण होगा ये तो इस केस के निस्तारण और भविष्य के गर्त में छुपा है।
®टीम रिज़वान अंसारी।।
✍🏼टीम रिज़वान अंसारी
कोर्ट ने सरकार सहित सभी विपक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 14 जुलाई 2020 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
06 जुलाई तक राज्य सरकार को निम्न बिंदुओं पर अपना जवाब बिंदुवार देने का निर्देश दिया-
➡️1- इस समय प्रदेश में कितने शिक्षामित्र कार्यरत हैं? कितने शिक्षामित्रों ने भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग किया?
➡️2-ऐसे कितने शिक्षामित्र हैं जिन्होंने ATRE के सामान्य वर्ग में 45% अंकों से अधिक एवं आरक्षित वर्ग में 40% से अधिक अंक प्राप्त किये?
➡️3- ऐसे शिक्षामित्रों का रोल नम्बर वाइज डेटा उपलब्ध कराएं।
समायोजन निरस्त होने के बाद (1.37 लाख) जो शिक्षामित्र सहायक अध्यापक पदों के सापेक्ष कार्यरत हैं उनको कतई न छेड़ा जाए। इन पदों के अतिरिक्त शेष पदों पर सरकार अपनी भर्ती प्रक्रिया का सहारा लेकर पदों को भर सकती है।
सरकार का जवाब दाखिल होने के एक सप्ताह के अंदर पक्षकार अभ्यर्थी भी अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं यदि अभ्यर्थियों को ये लगता है कि सरकार द्वारा कोई तथ्य छुपाया गया है।
केस के पूर्ण निस्तारण के लिए अगली सुनवाई 14 जुलाई 2020 को मुकर्रर की गई है।
⚖️Conclusion:- मा०सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे शिक्षामित्र जो 45% और 40% के दायरे में आते हैं के पदों को सुरक्षित करने के बाद शेष खाली पदों पर सरकार को भर्ती करने का डायरेक्शन दिया। अब ये शेष पद 69000 भर्ती के हैं या 1.37 लाख उन शिक्षामित्रों के पद हैं जो सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे।अब सवाल ये है कि आखिर सरकार अब भर्ती प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ाएगी? सरकार ने सुनवाई के दौरान ये नही बताया कि ये भर्ती किन पदों पर कर रही है। यदि इस आदेश का गलत इंटरप्रिटेशन करने के बाद सरकार ने कोई भी प्रोसेस को आगे बढ़ाया तो कहीं न कहीं इस आदेश की अवमानना हो जाएगी। जो भर्ती प्रक्रिया पर एक ग्रहण हो जाएगा।
अंततः अप्रत्यक्ष रूप से इस आदेश से वो प्राप्त हुआ जो टीम प्रत्यक्ष रूप से चाहती थी। यह कहने में तनिक भी संकोच नही कि 25 जुलाई 2017 के बाद शिक्षामित्रों को अगली तारीख 14 जुलाई 2020 मिली है। इस आदेश से टेट पास और नॉन टेट शिक्षामित्रों का कितना कल्याण होगा ये तो इस केस के निस्तारण और भविष्य के गर्त में छुपा है।
®टीम रिज़वान अंसारी।।