69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी अभ्यर्थी यह जानने को बेकरार हैं कि आखिर शिक्षक बनाने वाला गुणांक क्या होगा? वजह, जो अभ्यर्थी पहले शैक्षिक अंकों को लेकर इतराते थे, उन्हें भर्ती की परीक्षा में अपेक्षित अंक नहीं मिले हैं।
वहीं, एकेडमिक प्रदर्शन जिनका औसत रहा है उनमें से कई भर्ती में अच्छे अंक पा गए हैं। दोनों तरह के अभ्यर्थी शिक्षक बन सकेंगे वे पूरे मन से नहीं कह पा रहे, क्योंकि भर्ती परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों की तादाद दोगुने से अधिक है। भर्ती में अभी खूब उलटफेर होगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का ख्वाब संजोने वाले इसे स्पष्ट समझ लें कि भर्ती परीक्षा, एकेडमिक अंक दोनों उम्दा होना जरूरी है। यानी हर अभ्यर्थी का अब तक का ओवरऑल बेहतर प्रदर्शन शिक्षक बनाएगा। बुधवार को जारी लिखित परीक्षा के परिणाम में यह स्पष्ट है कि अधिकांश परीक्षा पास होने वाले अभ्यर्थी वर्गवार कटऑफ अंक के इर्द-गिर्द हैं, जो अभ्यर्थी कटऑफ से 10 अंक अधिक हैं वे मुकाबले में बने रहेंगे।
गुणांक ये मानक
10वीं, 12वीं, स्नातक और शिक्षक प्रशिक्षण (बीटीसी, डीएलएड या बीएड) के 10-10 फीसद अंक व 60 फीसद अंक लिखित परीक्षा के जोड़े जाएंगे। शिक्षामित्रों को मिलने वाला भारांक मेरिट में जोड़ा जाएगा।
एकेडमिक में औसत अभ्यर्थी
किसी अभ्यर्थी का 10वीं से स्नातक 50-50 फीसदी अंक हैं, प्रशिक्षण योग्यता में 70 फीसदी और लिखित परीक्षा में 115 अंक हैं तो उसका गुणांक 68 अंक होगा।
लिखित परीक्षा में औसत अभ्यर्थी
यदि किसी अभ्यर्थी का 10वीं से स्नातक व प्रशिक्षण योग्यता में भी 70 फीसदी अंक और लिखित परीक्षा में 100 अंक हैं तो उसका गुणांक भी 68 अंक होगा।
दोनों में बेहतर अभ्यर्थी
यदि किसी अभ्यर्थी का 10वीं से लेकर स्नातक तक 70 फीसदी, प्रशिक्षण योग्यता में 80 प्रतिशत और लिखित परीक्षा में 110 अंक होंगे तो उसका गुणांक 73 हो जाएगा।
डीएलएड व बीएड में मुकाबला
शिक्षक चयन में शिक्षामित्र अपने भारांक की बदौलत सबसे आगे होंगे। अन्य सीटों पर डीएलएड व बीएड अभ्यर्थियों के बीच कड़ा मुकाबला होगा। डीएलएड अभ्यर्थी उम्दा एकेडमिक मेरिट वाले हैं, अब लिखित परीक्षा के अंक उन्हें चयनित कराएंगे। वहीं, बीएड अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में आगे रहे हैं, उनमें से कई का एकेडमिक रिकॉर्ड बेहतर नहीं है।
वहीं, एकेडमिक प्रदर्शन जिनका औसत रहा है उनमें से कई भर्ती में अच्छे अंक पा गए हैं। दोनों तरह के अभ्यर्थी शिक्षक बन सकेंगे वे पूरे मन से नहीं कह पा रहे, क्योंकि भर्ती परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों की तादाद दोगुने से अधिक है। भर्ती में अभी खूब उलटफेर होगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का ख्वाब संजोने वाले इसे स्पष्ट समझ लें कि भर्ती परीक्षा, एकेडमिक अंक दोनों उम्दा होना जरूरी है। यानी हर अभ्यर्थी का अब तक का ओवरऑल बेहतर प्रदर्शन शिक्षक बनाएगा। बुधवार को जारी लिखित परीक्षा के परिणाम में यह स्पष्ट है कि अधिकांश परीक्षा पास होने वाले अभ्यर्थी वर्गवार कटऑफ अंक के इर्द-गिर्द हैं, जो अभ्यर्थी कटऑफ से 10 अंक अधिक हैं वे मुकाबले में बने रहेंगे।
गुणांक ये मानक
10वीं, 12वीं, स्नातक और शिक्षक प्रशिक्षण (बीटीसी, डीएलएड या बीएड) के 10-10 फीसद अंक व 60 फीसद अंक लिखित परीक्षा के जोड़े जाएंगे। शिक्षामित्रों को मिलने वाला भारांक मेरिट में जोड़ा जाएगा।
एकेडमिक में औसत अभ्यर्थी
किसी अभ्यर्थी का 10वीं से स्नातक 50-50 फीसदी अंक हैं, प्रशिक्षण योग्यता में 70 फीसदी और लिखित परीक्षा में 115 अंक हैं तो उसका गुणांक 68 अंक होगा।
लिखित परीक्षा में औसत अभ्यर्थी
यदि किसी अभ्यर्थी का 10वीं से स्नातक व प्रशिक्षण योग्यता में भी 70 फीसदी अंक और लिखित परीक्षा में 100 अंक हैं तो उसका गुणांक भी 68 अंक होगा।
दोनों में बेहतर अभ्यर्थी
यदि किसी अभ्यर्थी का 10वीं से लेकर स्नातक तक 70 फीसदी, प्रशिक्षण योग्यता में 80 प्रतिशत और लिखित परीक्षा में 110 अंक होंगे तो उसका गुणांक 73 हो जाएगा।
डीएलएड व बीएड में मुकाबला
शिक्षक चयन में शिक्षामित्र अपने भारांक की बदौलत सबसे आगे होंगे। अन्य सीटों पर डीएलएड व बीएड अभ्यर्थियों के बीच कड़ा मुकाबला होगा। डीएलएड अभ्यर्थी उम्दा एकेडमिक मेरिट वाले हैं, अब लिखित परीक्षा के अंक उन्हें चयनित कराएंगे। वहीं, बीएड अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में आगे रहे हैं, उनमें से कई का एकेडमिक रिकॉर्ड बेहतर नहीं है।