राज्य कर्मचारियों को दिए जा रहे आठ प्रकार के भत्ते समाप्त किए जाने के राज्य सरकार के निर्णय को उचित ठहराते हुए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा है कि इन भक्तों को खत्म करने की सिफारिश तो छठे वेतन आयोग ने की थी। वित्त मंत्री के मुताबिक जो भत्ते समाप्त किए गए हैं वे केंद्र सरकार में नहीं हैं या उसके द्वारा
समाप्त कर दिए गए हैं, जबकि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को यह भत्ते दे रही थी। उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग से मिली बेहतर वेतन संरचना ने कर्मचारियों को सम्मानजनक जीवन स्तर उपलब्ध कराया है। यह भत्ते तब शुरू किए गए थे जब कर्मचारी बहुत कम वेतन पाते थे लेकिन अब इनकी प्रासंगिकता खत्म हो गई है। राज्य सरकार ने कर्मचारियों के भत्ते खत्म करने से पहले मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती का निर्णय लिया। विधायक निधि भी एक साल के लिए स्थगित कर दी। कोरोना संकट के कारण सरकार के राजस्व में आई कमी और इस महामारी की रोकथाम के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए ही इन भत्ताें को खत्म करने का निर्णय लेना पड़ा है ।
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