प्रदेश में भर्तियों की CBI जांच में देरी का मामला गृह मंत्रालय तक पहुंचा

लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतों की सीबीआई जांच शुरू हुए ढाई साल हो चुके हैं लेकिन सीबीआई ने अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने जांच में हुई देरी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। जिसके जवाब में मंत्रालय की ओर से केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को पत्र लिखा गया है।

मंत्रालय ने एमएलसी को जांच की स्थिति से अवगत कराने के लिए कहा है। आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच जनवरी 2018 में शुरू हुई थी। तब से अब तक सीबीआई ने इस मामले में सिर्फ एक एफआईआर दर्ज कराने के अलावा और कुछ नहीं किया। पीसीएस 2015 में अनियमितता को लेकर यह एफआईआर भी अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई थी। यह स्थिति तब है जबकि जांच में हुई देरी को लेकर प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा चुकी है।


सीबीआई ने इस जांच के लिए गोविंदपुर स्थित सिंचाई विभाग के डाक बंगले में कैंप कार्यालय भी स्थापित किया है। जांच में हो रही देरी से प्रतियोगी छात्र खासे असंतुष्ट हैं। लॉकडाउन से पूर्व सीबीआई जांच में थोड़ी तेजी आई थी क्योंकि सीबीआई ने आयोग के एक पूर्व सचिव और पूर्व परीक्षा नियंत्रक को बुलाकर सख्ती से पूछताछ की थी। इनसे भर्ती में गड़बड़ी को लेकर कई महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी हुई थी।