प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और वकील राकेश मिश्रा ने कहा, कटऑफ बढ़ाना गलत नहों है। भले ऐसा परीक्षा प्रक्रिया के जौच में क्यों न किया गया हो। साथ ही कहा कि एनसीटीई के कानून में बीएड के छात्रों को परीक्षा में बैठने की पात्रता दी गई है.
और राज्य सरकार उस कानून को मानने के लिए बाध्य है। दरअसल, इलाहाबाद की लखनऊ पीठ के 6 मई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस फैसले में हाईकोर्ट ने यूपी बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के कट ऑफ बढ़ाने के निर्णय को सही ठहराया था।
और राज्य सरकार उस कानून को मानने के लिए बाध्य है। दरअसल, इलाहाबाद की लखनऊ पीठ के 6 मई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस फैसले में हाईकोर्ट ने यूपी बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के कट ऑफ बढ़ाने के निर्णय को सही ठहराया था।