फतेहपुर : जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। एक दशक से अधिक की सेवा के बाद भी जिले में प्राथमिक सहायक शिक्षकों का प्रमोशन नहीं हो सका है। वहीं दूसरी ओर दूसरे जिलों में कहीं तीन वर्ष तो कहीं पांच वर्ष की सेवा के बाद पदोन्नति होने से शिक्षकों की कुंठा बढ़ती जा रही है। कोर्ट एवं सरकारी आदेशों के बाद
लंबित पदोन्नति प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। गत विधानसभा चुनाव के पहले से ही अपने प्रमोशन की मांग कर रहे बेसिक शिक्षकों ने अपने प्रमोशन के लिए पहले चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने का इंतजार किया। कई माह पूर्व प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के सहायक अध्यापकों का प्रमोशन होने के बाद उम्मीद जगी थी कि विभाग जल्द ही प्राथमिक स्कूलों के सहायक शिक्षकों का भी प्रमोशन कर देगा। इसके लिए विभाग ने गत तीस दिसंबर को पहल भी कर दी थी। विभाग ने ब्लाकवार वरिष्ठता सूची को पुनः परीक्षणोपरांत मुख्यालय भेजने के आदेश दिए थे। ब्लॉकों में वरिष्ठता सूची को अंतिम रूप भी दिया जा चुका था। इसके बाद चुनाव की रणभेरी बज गई। चुनाव खत्म होने के बाद फिर से पदोन्नति की मांग उठी तो विभाग ने वार्षिक परीक्षा एवं अन्य कामों पर अमल शुरू कर दिया। कई जिलों में शिक्षकों को जहां तीन वर्ष की सेवा में ही पदोन्नति का लाभ मिल गया वहीं दूसरी ओर इस जिले में फरवरी 2010 के बाद सेवा में आए प्राथमिक सहायक शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है। इससे शिक्षकों में काफी रोष है।
लंबित पदोन्नति प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। गत विधानसभा चुनाव के पहले से ही अपने प्रमोशन की मांग कर रहे बेसिक शिक्षकों ने अपने प्रमोशन के लिए पहले चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने का इंतजार किया। कई माह पूर्व प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के सहायक अध्यापकों का प्रमोशन होने के बाद उम्मीद जगी थी कि विभाग जल्द ही प्राथमिक स्कूलों के सहायक शिक्षकों का भी प्रमोशन कर देगा। इसके लिए विभाग ने गत तीस दिसंबर को पहल भी कर दी थी। विभाग ने ब्लाकवार वरिष्ठता सूची को पुनः परीक्षणोपरांत मुख्यालय भेजने के आदेश दिए थे। ब्लॉकों में वरिष्ठता सूची को अंतिम रूप भी दिया जा चुका था। इसके बाद चुनाव की रणभेरी बज गई। चुनाव खत्म होने के बाद फिर से पदोन्नति की मांग उठी तो विभाग ने वार्षिक परीक्षा एवं अन्य कामों पर अमल शुरू कर दिया। कई जिलों में शिक्षकों को जहां तीन वर्ष की सेवा में ही पदोन्नति का लाभ मिल गया वहीं दूसरी ओर इस जिले में फरवरी 2010 के बाद सेवा में आए प्राथमिक सहायक शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया है। इससे शिक्षकों में काफी रोष है।
शिक्षकों में रोष : फरवरी 2010 के बाद सेवा में आए शिक्षकों का प्रमोशन नहीं, प्रमोशन न होने से परिषदीय प्राथमिक शिक्षकों में रोष।
कोर्ट एवं विभागीय आदेशों से भी बाधा : पदोन्नति को लेकर कई तरह के पेंच भी सामने आए। कभी टीईटी की अनिवार्यता को लेकर पेंच फंसा तो कभी समायोजन के बाद पदोन्नति करने जैसे फैसलों ने बाधा पहुंचाई। हाल ही में फिर से कई जिलों में पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होने के बाद जिले के शिक्षकों ने भी प्रमोशन की मांग की है।
अन्तर्जनपदीय तबादले से होगा नुकसान : यदि विभाग आने वाले समय में शिक्षकों का अंतर्जनपदीय तबादला करता है तो पदोन्नति के बगैर तबादला लेने वाले शिक्षकों की वरिष्ठता प्रभावित हो जाएगी। वह नवीन जनपद में जूनियर माने जाएंगे।