परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के लिए विभाग 6.50 लाख रुपए खर्च का सकेगा। विभाग की ओर से हर ब्लाक को दस्तावेजों की जांच के लिए बजट अलॉट किया गया है, जिससे कि विभिन्न विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों से दस्तावेजों की जांच कराई जा सके और इसके लिए मांगा जाने वाला शुल्क अदा किया जा सके।
पूरे प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों के मामले सामने आने के बाद अब विभाग सभी शिक्षकों के दस्तावजों का सत्यापन करा रहा है। इसमें जिन शिक्षकों के दस्तावेज संदिग्ध हैं, उसकी जांच के लिए विभाग सीधे संस्थानों व यूनिवर्सिटी से संपर्क करके रिपोर्ट मंगवा रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से विभाग से शुल्क की मांग की जाती थी, जिसके चलते अधिकारियों को परेशानी आती थी। जिसके बाद अधिकारियों ने इस परेशानी से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया था। जिसके बाद विभाग ने इस समस्या का निस्तारण करते हुए ब्लाक स्तर पर 50 हजार रुपए का बजट अलॉट कर दिया है। अलीगढ़ के सभी 13 ब्लाकों को इसका फायदा मिलेगा।
कंटीजेंसी मद से मिलेंगे रुपए
हर ब्लाक दस्तावेजों की जांच में अधिकतम 50 हजार रुपए खर्च कर सकेगा। अलीगढ़ के सभी 13 ब्लाकों को यह बजट दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेजों के सत्यापन में निर्धारित शुल्क, डाक व्यय, स्टेशनरी जैसी विभिन्न जरूरतों का भुगतान डीपीओ के माध्यम से कंटीजेंसी (आकस्मिक निधि) मद से किया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि अब दस्तावेजों के सत्यापन में तेजी आएगी।
दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बजट मिलने से काफी राहत मिलेगी। जांच की प्रक्रिया भी तेजी से पूरी की जा सकेगी।
-डॉ लक्ष्मीकांत पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी