प्रदेश की 58,189 ग्राम पंचायतों में सिटीजन चार्टर लागू होने जा रहा है, इसकी घोषणा पंचायतें 15 अगस्त तक करेंगी। इससे पहले ‘मेरी पंचायत, मेरा अधिकार-जनसेवाएं हमारे द्वार’ अभियान शुरू हो चुका है। सिटीजन
चार्टर लागू होना ऐसा क्रांतिकारी कदम है जो विकास की एक नई गाथा लिखेगा। गांवों में इससे न केवल विकास को गति मिलेगी, बल्कि भ्रष्टाचार उन्मूलन का भी यह बहुत सशक्त अस्त्र बनेगा। ग्राम पंचायतों में सिटीजन चार्टर लागू होने से इससे संबंधित सभी सुविधाएं समयबद्ध रूप से मिलेंगी। मतलब स्पष्ट है कि गांव की सरकार को आमलोगों के प्रति जवाबदेह बनना होगा। जिस समस्या का निस्तारण जितने दिन के भीतर करना है, वह करना ही होगा। अन्यथा की स्थिति में स्पष्ट कारण बताना होगा।पंचायत विभाग ने जो माडल सिटीजन चार्टर तैयार कराया है, उसमें 39 जनसुविधाओं का उल्लेख है। पंचायतों को स्वाधीनता दिवस पर गांवों के पंचायत भवन पर सिटीजन चार्टर की सूची और निस्तारण की अवधि की सूचना चस्पा करनी होगी। शहर हों या गांव भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी वजह होती है, सरकारी कार्यालयों में काम को बेवजह लटकाना। इसका असर सरकार के कामकाज और छवि पर भी पड़ता है। लेकिन योगी सरकार ने जिस तरह से विभिन्न दिशाओं में सुधारात्मक कदम उठाए हैं, वे मील के पत्थर साबित होंगे। इस लकीर को पार करना बाद में आने वाली हर सरकार के लिए चुनौती होगी। निश्चित रूप से अभी भले ही इस व्यवस्था के क्रियान्वयन या कामकाज के तौर तरीके को लेकर अंगुली उठे, लेकिन समय के साथ-साथ ज्यों ज्यों लोगों में इसको लेकर जागरूकता बढ़ेगी इसका असर भी साफ दिखने लगेगा। परिभाषित सेवाओं के निष्पादन और समस्याओं के निस्तारण की समयबद्धता व्यवस्था को लेकर निराश लोगों में एक नए उत्साह का संचार करेगी। यह बहुत ही सराहनीय कदम है, लेकिन साथ ही ग्राम पंचायतों में इसका क्रियान्वयन भी उचित ढंग से और पूरी कड़ाई के साथ हो, सरकार को यह भी ध्यान रखना पड़ेगा। समय के साथ-साथ इसमें जो कमियां सामने आएं, उन्हें चिह्नित करके दूर भी करना होगा, तभी इसका उचित लाभ लोगों को मिल पाएगा।
भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी वजह होती है, सरकारी कार्यालयों में काम को बेवजह लटकाना। इसका असर सरकार के कामकाज और छवि पर भी पड़ता है