इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के प्रमाणपत्र की वैधता कितने समय तक के लिए मान्य है । कोर्ट ने 18 अक्तूबर को राज्य सरकार और एनसीटीई को इस मामले में जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
बस्ती के सुशील कुमार आजाद की याचिका पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सुनवाई की । याचिका पक्ष रख रहे अधिवक्ता प्रभाकर अवस्थी और ऋषि श्रीवास्तव का कहना था की एनसीटीई ने 9 जून 21 के पत्र से सभी राज्यों को टीईटी प्रमाण पत्र की मान्यता से संबंधित नियमों को तय करने का अधिकार दिया है। यह बताया गया है कि प्रमाण पत्र की मान्यता अधिकतम 7 वर्ष तक के लिए बढ़ाई जा सकती है ।
अधिवक्ता का कहना था कि 16 जून 21 को जारी शासनादेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रमाण पत्र की वैधता किसी निश्चित समय सीमा के लिए नहीं होगी, बल्कि यह अभ्यर्थी के पूरे जीवन के लिए मान्य होगा। याची ने 2011 में टीईटी उत्तीर्ण किया. इसलिए उक्त शासनादेश के आलोक में उसके प्रमाण पत्र को मान्य किया जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील को इस मामले में 18 अक्तूबर तक जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।