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कड़कड़ाती ठंड में शिक्षक भर्ती के लिए प्रदर्शन, भर्ती नहीं तो वोट नहीं का लगाया नारा

साल नया है लेकिन बात पुरानी है. दिन बदलें, मौसम बदले, अगर कुछ नहीं बदला तो यूपी के नौजवानों के संघर्ष भरे दिन. रोजगार की यलगार करती नौजवानों की ये आवाज आज भी लखनऊ कड़कड़ाती ठंड में गूंज रही है.

एक तरफ शासक हैं, शासक के प्रशासक हैं और दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के ये बेरोजगार नौजवान. नेताओं की रैलियों में रोजगार के गगनभेदी भाषणों से इतर ये आवाजें आज भी सत्ता की दीवारों से टकराकर लौट आती हैं. जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग या तो इनकी सुनना नहीं चाहती, या फिर सुनकर भी अनसुना कर रहे हैं.

इन बेरोजगार नौजवानों की एक ही मांग है, 17000 नहीं 97000 चाहिए. यूपी सरकार ने प्रदेश में 17000 शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है, लेकिन शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी कह रहे हैं कि बात तो 97000 की हुई थी, 17000 से क्या होगा?

विधानसभा की ओर जाने के दौरान रोका गया

जनवरी की हांड़ कपा देने वाली ठंड में जब ये बेरोजगार नौजवान लखनऊ पहुंचे तो उनका पहला सामना उत्तर प्रदेश की पुलिस से हुआ. बेरोजगार युवाओं की रणनीति ये थी कि इको गार्डन में सभी लोग इकट्ठा होंगे और उसके बाद संगठित होकर यूपी विधानसभा की ओर कूच करेंगे. विधानसभा इसलिए क्योंकि राज्य का विधि विधान यहीं से तय होता है.

प्रदेश भर से आए नौजवान नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ने लगे, लेकिन इसस पहले विधानसभा पहुंचते लालबत्ती चौराहे पर पुलिस ने इन्हें रोक दिया, जिसके बाद अभ्यर्थियों ने लाल बत्ती चौराहे पर ही यूपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी. बेरोजगारों की इन आवाजों में सिर्फ शिक्षक भर्ती के नौजवान नहीं है, इसमें कनिष्ठ सहायक 2016 की भर्ती वाले युवा भी हैं, जो इस इंतजार में हैं कब परिणाम जारी होगा, और कब उन्हें नियुक्ति मिलेगी.

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