प्रयागराज जिले के सलोरी में रहने वाली अर्पिता त्रिपाठी बताती हैं, '2 साल से यहां हूं। 4000 रुपए महीने कमरे का किराया देती हूं। अलग-अलग समय पर तीन बार कोचिंग कर चुकी हूं। दो बार TET पास कर चुकी हूं। पापा किसान हैं। अब महीने का 8 हजार भेजते वक्त वह पहले जैसे बेफिक्र नहीं दिखते। अगर सरकार ने अब शिक्षक भर्ती नहीं निकाली, तो मुझे मजबूरन घर जाना पड़ेगा'।
यहां सिर्फ एक अर्पिता नहीं हैं। 21 लाख अर्पिता जैसे ही युवा हैं, जो बीटीसी या फिर बीएड करके TET की परीक्षा पास कर चुके हैं। उन्हें शिक्षक भर्ती का इंतजार है। मगर, सरकार की तरफ से भर्ती को लेकर कोई भी पॉजिटिव रिस्पांस नहीं आया है। आगे क्या उम्मीद है? क्या तैयारी है? सरकार कह क्या रही है? शिक्षा मंत्री क्या कह रहे हैं? छात्रों की क्या स्थिति है? आइए सब जानते हैं...
शिक्षा मंत्री ने कहा, अभी नई भर्ती का प्रपोजल नहीं है
22
अप्रैल को एक रिपोर्टर ने नए शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से पूछा, 'क्या नई
शिक्षक भर्ती की उम्मीद अभ्यर्थी करें?' सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने
कहा, 'इस वक्त नई नियुक्ति या भर्ती का कोई प्रपोजल नहीं है, लेकिन आने
वाले वक्त में कोई प्रपोजल आएगा तो हमारे काफी सारे बीटीसी पास छात्र हैं
जिन्हें मौका दिया जाएगा'।
शिक्षा मंत्री के ऐसे बयान के बाद अभ्यर्थी कमेंट करने लगे। दीपक ने लिखा, 'अभी 3 साल ही हुआ है और जब ऐसे जीत मिल ही रही तो भर्ती क्यों देंगे'। खुशी ने लिखा, 'एक उम्मीद थी कि पढ़े लिखे युवा मंत्री हैं तो हम युवाओं का दर्द समझेंगे'। विजय गौतम ने लिखा, 'कितनी बार ऑनलाइन ट्रेंड करवाया गया, धरना दिया गया, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा इन्हें'।
अभ्यर्थी लखनऊ में भूख-हड़ताल की तैयारी में हैं
ट्विटर
पर लगातार नई शिक्षक भर्ती की मांग के बीच हमने बीटीसी/डीएलएड और बीएड से
जुड़े अभ्यर्थियों से बात की। जौनपुर के प्रशांत तिवारी ने बताया, 'सरकार
की चुप्पी अब अभ्यर्थियों के लिए घातक साबित हो रही है, टीईटी पास लड़कियां
फोन करके भर्ती के बारे में पूछती हैं और रोने लगती हैं। हम बाकी
अभ्यर्थियों से बात कर रहे हैं, जल्द ही नई भर्ती की मांग को लेकर लखनऊ में
भूख-हड़ताल करेंगे'।
प्रशांत ने कहा, सरकार अगर 17 हजार शिक्षक भर्ती निकालती है तो इससे अच्छा है कि वह न दे क्योंकि पांच साल से एक भी भर्ती उन्होंने अपनी तरफ से नहीं निकाली। 68 हजार और 69,500 शिक्षक भर्ती शिक्षामित्रों के समायोजन के रद्द होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हुई थी। तब उन्होंने कोर्ट में 51,112 पदों पर भर्ती की बात कही थी, लेकिन 3 साल बीतने के बाद भी भर्ती नहीं हुई।
स्टोरी आगे बढ़ाने से पहले जरूरी चार आंकड़े जानते हैं जो महत्वपूर्ण हैं...
1: डेढ़ लाख पद खाली
जून
2021 में उस वक्त के केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने
लोकसभा में शिक्षकों की कमी को लेकर आंकड़े रखे थे। उन्होंने बताया कि
देशभर में 10,60,139 शिक्षकों के पद खाली हैं। अकेले यूपी में 2,17,481 पद
खाली होने की बात कही थी। जून 2021 के बाद 69 हजार शिक्षक भर्ती पूरी हुई।
ऐसे में अगर इसे खाली पड़े पदों की संख्या से घटाएं तो अब भी 1.48 लाख पद
खाली हैं। ध्यान ये भी रहे कि 69 हजार भर्ती का 60% नियुक्ति पत्र जून 2021
से पहले बंट चुका था।
2: सरकार ने कहा- 73,711 पद खाली
जून
2021 में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट जमा किया था। अपनी
तरफ से बताया कि इस वक्त 73,711 पद खाली हैं। 51,112 पदों पर भर्ती के लिए
जल्द ही विज्ञापन निकाले जाएंगे। अक्टूबर 2021 में भर्ती का ऐलान करने की
बात कही, लेकिन नहीं हो सका।
3: सरकार का एक आंकड़ा ऐसा भी जिसमें शिक्षकों की संख्या सरप्लस है
केंद्रीय
शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने 3 अक्टूबर 2021 को
एक रिपोर्ट जारी की। बताया कि यूपी में सहायक अध्यापकों की संख्या सरप्लस
है। रिपोर्ट के अनुसार यूपी में 1.58 लाख स्कूल हैं। इस वक्त 3.79 लाख
शिक्षक हैं। 1.40 लाख शिक्षा मित्र हैं। कुल संख्या हुई 5 लाख 19 हजार।
स्कूलों में छात्रों के नामांकन की संख्या 1.76 करोड़ है। प्राइमरी स्कूल
में छात्र शिक्षक अनुपात 30:1 यानी 30 छात्र पर एक शिक्षक है। ऐसे में कुल
छात्रों का अनुपात निकालने पर 79,568 शिक्षक सरप्लस हैं।
4: हर साल 2.42 लाख छात्र/छात्राएं बीटीसी करती हैं
प्रदेश
में हर साल 2.42 लाख छात्र ग्रेजुएशन करके बीटीसी में एडमिशन लेते हैं।
इसमें 10 हजार छात्र सरकारी कॉलेज से ट्रेनिंग लेते हैं बाकी के 2.30 लाख
छात्र प्राइवेट कॉलेजों से बीटीसी ट्रेनिंग लेते हैं। यहां की फीस सलाना 60
हजार से अधिक है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद इनके पास सिर्फ बेसिक शिक्षा
में ही अप्लाई करने का मौका होता है।
आंकड़े यहीं खत्म होते हैं। अब बात अभ्यर्थियों के एक्टिविटी का जिसे वह लगातार कर रहे हैं...
आरटीआई डालो अभियान
14
अप्रैल से 18 अप्रैल तक अभ्यर्थियों ने एक कैंपेन चलाया। इस दौरान
अभ्यर्थी अपने नजदीकी डाक खाने में जाकर आरटीआई फाइल की। इस आरटीआई के जरिए
वह सरकार से शिक्षा विभाग में खाली पदों की संख्या जानना चाहते हैं। कितनी
आरटीआई फाइल की गई एक क्लियर आंकड़ा नहीं है। रजत सिंह ने बताया कि 500 से
अधिक लोगों ने अपने नजदीकी डाक खाने से आरटीआई फाइल की है।
ट्विटर पर चला रहे कैंपेन
शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी ट्विटर पर लगातार कैंपेन चला रहे हैं। #97k_नई_शिक्षक_भर्ती_जारी_करो
हैशटैग के साथ अप्रैल माह की शुरुआत में करीब 1 लाख ट्वीट किया था। इसके
अलावा सीएम योगी, शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
और ब्रजेश पाठक के पोस्ट पर रोज बड़ी संख्या में कमेंट शिक्षक भर्ती की
मांग को लेकर हो रहे हैं। हालांकि सीएम या फिर डिप्टी सीएम ने कोई बयान
इससे जुड़ा नहीं दिया है।
क्या बिना विरोध प्रदर्शन नहीं आएगी भर्ती
प्रयागराज
जिले के शांतिपुरम में शिक्षक भर्ती के लिए कोचिंग कर रही सपना शुक्ला
कहती हैं, पिछले 10 साल में किसी भी भर्ती का विज्ञापन सरकार ने बिना विरोध
प्रदर्शन के जारी नहीं किया है। इस वक्त भी कोई मंत्री इसकी चर्चा नहीं कर
रहा है। ऐसे में धरना प्रदर्शन ही एकमात्र विकल्प है उन्हें याद दिलवाने
का। जल्द ही लखनऊ और प्रयागराज में धरना दिया जाएगा।
सरकार के बयान का इंतजार
TET
पास छात्रों की संख्या 21 लाख के पार हो चुकी है। चुनाव से पहले 25 दिसंबर
2021 को उस वक्त के शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने 17 हजार शिक्षक भर्ती
का ऐलान किया था लेकिन उसका विज्ञापन भी जारी नहीं हो सका। इसके अलावा 69
हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण के विवाद के बाद 6 हजार भर्ती आरक्षित वर्ग
के लिए घोषित की गई लेकिन उसे कोर्ट ने गलत बताते हुए रोक दिया। फिलहाल
सरकार की तरफ से शिक्षक भर्ती पर एक अदद बयान का इंतजार प्रदेश के 21 लाख
युवाओं को है।