वाराणसी : राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत प्रथम चरण में निजी विद्यालयों में मुफ्त दाखिले के लिए 6152 बच्चों की सूची जारी की गई है। वहीं आरटीई की सूची में नाम होने के बावजूद अब तक करीब एक हजार से अधिक बच्चों का संबंधित विद्यालयों में दाखिला नहीं हो सका। कई निजी विद्यालय चयनित बच्चों का मुफ्त दाखिला लेने में हीलाहवाली कर रहे हैं। पीलीकोठी के अभिभावक परवेज अहमद ने इस संबंध में उप्र अल्पसंख्यक आयोग, बेसिक शिक्षा विभाग से गुहार लगाई है।
वहीं निजी स्कूलों द्वारा दाखिले में हीलाहवाली करने के पीछे पिछले तीन सत्रों से शुल्क प्रतिपूर्ति न मिलना मुख्य कारण बताया जा रहा है। निश्शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2009 के तहत निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी व कक्षा-एक में निर्धारित सीट के सापेक्ष 25 फीसद अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों का मुफ्त दाखिला करने का प्रविधान है। शासन की ओर से विद्यालयों को प्रति छात्र अधिकतम 450 रुपये की मासिक दर से शुल्क प्रतिपूर्ति का प्रविधान है। हालांकि, विद्यालयों को शुल्क प्रतिपूर्ति समय से नहीं मिल रही है। विद्यालय प्रबंधन का कहना है शुल्क प्रतिपूर्ति की डिमांड करने पर विद्यालयों बजट का अभाव बताकर टाल दिया जा रहा है। सत्र 2018-19 में भी 56 विद्यालयों को शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिली। इस क्रम सत्र 2021 में एक रुपया भी शुल्क प्रतिपूर्ति विद्यालयों को नहीं मिला है। सत्र 2021-22 में भी विद्यालयों आधी-अधूरी राशि मिली है।