फर्जी शिक्षक: जमीन तक रख दी गिरवीं

 झांसी। राजकीय हाईस्कूलों में कूटरचित नियुक्ति पत्रों के आधार पर नौकरी करते पकड़े गए लोगों ने शिक्षक बनने के लिए मोटी रकम खर्च की थी। इनमें से किसी ने जमीन बेचकर यह पैसा जुटाया था तो किसी ने अपनी जमीन तक गिरवीं रख दी थी। अब सभी जेल में बंद हैं। वहां किसी से बातचीत करने से भी कतरा रहे हैं।

जनपद के तीन राजकीय हाईस्कूलों में नौकरी करते हुए पांच फर्जी शिक्षक पंचदेव, रणविजय विश्वकर्मा, नरेंद्र कुमार मौर्य, अमृता कुशवाहा व मैनावती पकड़े गए हैं। सभी आजमगढ़ जनपद के रहने वाले हैं। पांचों ने फर्जी नियुक्ति पत्रों के सहारे नौकरी हासिल की थी। इसका खुलासा होने पर पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार कर सोमवार को जेल भेज दिया था। पड़ताल में सामने आया कि पांचों सामान्य परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। शुरू से ही ये सभी शिक्षक बनना चाहते थे। इसके लिए सभी ने बीएड की डिग्री भी हासिल की थी। इसके बाद से लगातार शिक्षक भर्ती की परीक्षाओं में शामिल होते आ रहे थे। सभी 2016 में हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे। लेकिन, मामला न्यायालय में जाने की वजह से उनकी नियुक्ति नहीं हो पाई थी। इसी बीच वे एक झांसेबाज के संपर्क में आ गए। उसने उन्हें मामला सुलझाकर नियुक्ति कराने का भरोसा दिया था। इसके एवज से पांचों से 36 लाख रुपये रकम ली थी। सामने आया कि पकड़े गए फर्जी शिक्षकों में से एक महिला के पति ने पत्नी को शिक्षक बनाने की खातिर अपनी खेती की जमीन गिरवीं रख दी थी। जबकि, दो फर्जी शिक्षकों ने रकम का इंतजाम उधार लेकर किया था। इन सभी ने सोचा था कि नौकरी लग जाने के बाद उधार चुकता कर देंगे। लेकिन, ऐसा हो नहीं पाया। सभी जेल पहुंच गए। सभी को क्वारंटीन बैरक में रखा गया है। वे किसी से बातचीत भी नहीं कर रहे हैं। जेल कर्मचारियों को भी नपातुला जवाब ही देते हैं। सभी बेहद मायूस हैं। जेल अधीक्षक आरबी पटेल ने बताया कि फिलहाल सभी क्वारंटीन बैरक में हैं। फिलहाल इनके परिवार में से कोई भी मिलने नहीं आया है।