एसआईटी ने कसा शिकंजा तीन शिक्षक लखनऊ तलब, संदिग्ध प्रमाणपत्रों के मद्देनजर विभाग ने रोका वेतन

 ज्ञानपुर, एसआईटी (विशेष जांच दल) जिले के तीन शिक्षकों पर शिकंजा कसा है। लखनऊ कार्यालय ने शिक्षकों को प्रमाणपत्रों के मूल अभिलेख संग तलब किया है। नोटिस आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने तीनों शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। इससे फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की धड़कने बढ़ गई हैं।



जिले के 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय में करीब चार हजार शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इसमें 500 शिक्षक अभी दो से तीन साल में नियुक्ति हुए, जबकि डेढ़ से दो हजार, एक से डेढ़ दशक पूर्व ही स्कूलों का कार्यभार ग्रहण किया है।


एक दशक पूर्व शिक्षक भर्ती घोटाले का खुलासा होने पर सरकार ने जांच एसआईटी को दे दिया था। सूबे के सभी जनपदों की चल रही जांच में अब जिले के तीन शिक्षकों को लखनऊ तलब किया गया है।

एसआईटी ने बेसिक शिक्षा खुलासा हुआ था। अधिकारी कार्यालय में पत्र भेजकर तीनों शिक्षकों को मय अभिलेख प्रस्तुत होने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के बुलाए जाने का पत्र आने के बाद से ही उनका वेतन रोक दिया है।


बताते चलें कि एक दशक पूर्व डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय और संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के संदिग्ध प्रमाणपत्रों के आधार पर फर्जी नौकरी प्राप्त करने वाले शिक्षकों के प्रकरण का खुलासा हुआ था.

उसके बाद से ही एसआईटी मामले की जांच कर रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, इन शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापित करवाए जा रहे हैं, लेकिन ज्यादातर के कुछ न कुछ दस्तावेज फर्जी पाए जा रहे हैं। ऐसे में इनके खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई तय है.