नई दिल्ली: सीबीडीटी चेयरमैन नितिन गुप्ता ने एक कार्यक्रम में कहा कि नई टैक्स व्यवस्था में सभी वेतनभोगी को 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा और इसका असर यह होगा कि सालाना 7.50 लाख रुपये तक की आय वाले वेतनभोगियों को अब कोई टैक्स नहीं देना होगा। गुप्ता ने कहा कि इनकम टैक्स छूट लेने के लिए अधिक निवेश प्लान नहीं रखने वालों को नई टैक्स व्यवस्था में अधिक फायदा होगा। उन्होंने कहा कि हमने स्कीम को लोगों के लिए अधिक से अधिक फायदेमंद बनाने की कोशिश की है क्योंकि नई टैक्स व्यवस्था बिल्कुल सरल व सुगम है। इस व्यवस्था में टैक्सपेयर्स को कोई दस्तावेज लगाने की जरूरत नहीं है और काम के लिहाज से टैक्स प्रशासकों के लिए भी यह स्कीम आसान है।
नई टैक्स व्यवस्था में तीन लाख रुपये तक की आय को इनकम टैक्स से मुक्त रखा गया है। तीन लाख रुपये से अधिक और छह लाख रुपए तक की आय पर पांच प्रतिशत टैक्स रखा गया है, लेकिन सरकार ने सात लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लेने की घोषणा की है। ऐसे में 3-7 लाख रुपये तक की आय पर, जो 25,000 रुपये का टैक्स बनेगा, वह सरकार वहन करेगी। सीए मनीष गुप्ता का कहना है कि सभी छूट के बाद की आय 7.50 लाख रुपये से अधिक होती है तो उनको पूरा टैक्स देना होगा।
टीडीएस विवादों के लिए नियुक्त होंगे संयुक्त आयुक्त
एक अन्य कार्यक्रम में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि सरकार ने बचत को प्रोत्साहित करने के लिए वरिष्ठ नागरिक और महिला बचत से जुड़ी दो स्कीम की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अभी जीडीपी का 27-30 प्रतिशत बचत अनुपात है। उन्होंने यह भी इशारा किया कि लोग बाजार की ओर भी निवेश कर सकते हैं और बाजार भी लोगों को निवेश की ओर आकर्षित करने के लिए कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि जीडीपी के मुकाबले टैक्स के अनुपात को बढ़ाना होगा, लेकिन अभी दूसरे देशों से टैक्स के अनुपात की तुलना ठीक नहीं है क्योंकि भारत के हालात अलग है। उन्होंने कहा कि टीडीएस विवाद से जुड़े अपीलों के निपटान के लिए 100 संयुक्त आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी।