लखनऊ,:समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने वर्ष 2020-21 में सब-इंस्पेक्टर (दरोगा) के 9534 पदों पर हुई भर्ती में घोटाले का आरोप लगाते हुए नए सिरे से जांच कराने की मांग की है।बुधवार को पार्टी कार्यालय में
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह भर्ती परीक्षा जिस एजेंसी के माध्यम से कराई गई थी, वह उत्तराखंड व मध्य प्रदेश में ब्लैकलिस्टेड है। परीक्षा में लगभग सात लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। कई परीक्षा केंद्रों पर सॉल्वर बैठे थे, जिसके बारे में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की हुई है।आगरा के एक थाने में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 60 सवालों का जवाब 59 सेकेंड में दे दिया गया। इसी तरह एक अन्य मामले में 40 सवालों का जवाब चार मिनट में दिए जाने की बात सामने आई। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस भर्ती घोटाले की जांच के लिए पार्टी ने अपने तीन विधायकों की एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट दे दी है, जिसमें पूरी भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इसमें यह भी पाया गया कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों की जगह सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। भर्ती का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। बावजूद इसके निर्णय की प्रतीक्षा किए बगैर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रेसवार्ता के दौरान एक अभ्यर्थी ने भी भर्ती प्रक्रिया को कठघरे में खड़ा किया।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह भर्ती परीक्षा जिस एजेंसी के माध्यम से कराई गई थी, वह उत्तराखंड व मध्य प्रदेश में ब्लैकलिस्टेड है। परीक्षा में लगभग सात लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। कई परीक्षा केंद्रों पर सॉल्वर बैठे थे, जिसके बारे में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की हुई है।आगरा के एक थाने में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 60 सवालों का जवाब 59 सेकेंड में दे दिया गया। इसी तरह एक अन्य मामले में 40 सवालों का जवाब चार मिनट में दिए जाने की बात सामने आई। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस भर्ती घोटाले की जांच के लिए पार्टी ने अपने तीन विधायकों की एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट दे दी है, जिसमें पूरी भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इसमें यह भी पाया गया कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों की जगह सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। भर्ती का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। बावजूद इसके निर्णय की प्रतीक्षा किए बगैर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रेसवार्ता के दौरान एक अभ्यर्थी ने भी भर्ती प्रक्रिया को कठघरे में खड़ा किया।