शिक्षकों की विकलांगता का पुन: परीक्षण... 11 घंटे चली प्रक्रिया, तलब किए गए 45 शिक्षकों में से 19 नहीं पहुंचे

 शिक्षक भर्ती (2021 व 2023) में विकलांग कोटे में चुने गए सभी अभ्यर्थियों को पुन: परीक्षण के लिए बुधवार को तलब किया गया था। कुल 45 शिक्षकों को पत्र जारी किए गए थे, जिनमें से 26 ही पहुंचे। अनुपस्थित रहे 19 शिक्षकों को फिर से पत्र जारी होगा। उन्हें अगले बुधवार को मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होना होगा।

बोर्ड के सामने पेश हुए 26 में से 5 शिक्षकों की विकलांगता को लेकर संशय की स्थिति रही। इसलिए उन्हें ग्वालियर मेडिकल कॉलेज रैफर किया गया। जहां हाईटेक उपकरणों से उनकी विकलांगता की सही स्थिति का परीक्षण होगा। बाकी 21 शिक्षकों की रिपोर्ट गुरुवार तक शिक्षा विभाग को भेजी जाएगी।

विवादास्पद बधिरता श्रेणी वाले 2 शिक्षक अनुपस्थित जिले में बधिरता श्रेणी में कुल 8 शिक्षकों का चयन हुआ था। इनमें से 2 का प्रमाणपत्र फर्जी निकला। इसलिए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही उन पर एफआईआर भी हो गई। शेष बचे 6 में से 4 ही परीक्षण के लिए पहुंचे। इनमें से भी एक को ग्वालियर रैफर किया गया। एक अन्य के बारे में सूत्रों ने बताया कि उसके द्वारा किए गए विकलांगता का दावा संदिग्ध है।

शिक्षक सुबह 9 बजे से पहले ही अस्पताल पहुंचने लगे थे। पूरी प्रक्रिया से फ्री होते-होते रात घिर आई थी। करीब 11 घंटे तक उन्हें परेशान होना पड़ा। कई शिक्षिकाएं तो अपने बच्चों के साथ आई थीं। शिक्षकों को उम्मीद थी कि वे दो-तीन घंटे में फ्री हो जाएंगे। इसलिए वे खाना खाकर तक नहीं आए।