श्रावस्ती। कूटरचित दस्तावेज लगाकर 39 शिक्षकों ने मनचाही जगह अपना तबादला करा लिया। दस्तावेजों की जांच में सभी कूटरचित दस्तावेजों को स्क्रीनिंग कमेटी ने पकड़ लिया। इसी के बाद इन शिक्षकों के कार्यमुक्ति पर रोक लगा दी गई। अब फर्जी अभिलेख लगाने वालों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। स्थानांतरण के लिए लगाए गए अधिकांश फर्जी दस्तावेज असाध्य रोग के हैं।
शिक्षकों के गैर जनपद स्थानांतरण के लिए चार भारांक निधार्रित थे। इसमें दिव्यांग, एकल अभिभावक, असाध्य रोग के साथ ही राज्यपाल व राष्ट्रपति पदक विजेता उसमें शामिल थे। इस भारांक से जिले में कुल 224 शिक्षकों का स्थानांतरण उनकी मनचाहे जिले के लिए हो गया। लेकिन जब उनके भारांक लगे दस्तावेज का सत्यापन जिला विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग कमेटी ने किया तो उसमें से 39 दस्तावेज फर्जी पाए गए। जिन शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं, उनके कार्य मुक्त करने पर शासन ने रोक लगा दी है।
इनके दस्तावेज मिले फर्जी असाध्य बीमारी के तहत फर्जी दस्तावेज- रश्मि, रूपम ओझा, पवित्र, सर्वेश यादव, साजिया खातून, शिवराज गौतम, राजेश्वरी, दीपाली विश्नोई, प्रीति सिंह, प्रदीप कुमार, विकास चंद्र मिश्र, नाजिया हसन, साधना शर्मा लियाकत अली, इंदुश्री यादव, विनोद कुमार मौर्य, प्रिया यादव, सुरेन्द्र कुमार सारस्वत, शकुंतला पाल, अमरीश कुमार शुक्ल, संजय सिंह, सुशील कुमार ओझा, नीतिका अग्रवाल, अशोक कुमार श्रीवास्तव, ममता सिंह, कमेन्द्र शुक्ला, सौम्या गुप्ता, हाकिम सिंह, रविकांत चौहान, आशीष कुमार मिश्र, दिव्या रस्तोवी, अमित कुमार, संदीप कुमार सिंह, नारायण जी के साथ ही एकल अभिभावक भारांक के तहत रूपम श्रीवास्तव, विजय लक्ष्मी, कृष्ण कुमार त्रिपाठी, कृष्ण प्रताप सिंह सहित एक अन्य का दस्तावेज फर्जी पाया गया.
शासन के निर्देश पर होगी कार्रवाई
अभी जिन शिक्षकों का दस्तावेज फर्जी पाया गया है। उनके कार्यमुक्त करने पर रोक लगा दी गई है। शासन द्वारा यदि अन्य कोई कार्रवाई का आदेश दिया जाता है, तो वह कार्रवाई की जाएगी।
-अमिता सिंह, बीएसए