प्रतापगढ़। टीईटी के फर्जी प्रमाणपत्र पर जालसाज युवक दो जनपदों में शिक्षक की नौकरी करता रहा। पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी। दबिश पर आरोपित ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
अंतू के रामनगर अठगवां निवासी संतोष चौरसिया ने सुबोध कुमार • पुत्र लाल सिंह निवासी विवेक नगर, प्रतापगढ़ के नाम से फर्जी टीईटी का प्रमाण पत्र तैयार करके प्राथमिक स्कूल मझिलहा सदर में सहायक अध्यापक हो गया। जांच के - दौरान मामला सामने आने पर उसे सेवा से बाहर कर दिया गया। सदर में तत्कालीन बीईओ रहे राम शंकर ने उसके विरुद्ध वर्ष 2020 में अंतू थाने में जालसाजी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद उसने प्राथमिक स्कूल सूरज कुंड रायबरेली में फिर फर्जी दस्तावेज कर सहायक अध्यापक पद ज्वाइन कर लिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस जांच शुरू की तो आरोपित युवक के बारे में कोई सुराग नहीं लग सका। मामले में दर्ज मुकदमे की जांच एआरटीओ
चौकी इंचार्ज श्याम सुंदर लाल श्रीवास्तव को दी गई तो वह नए सिरे से जांच करते हुए कड़ी जोड़ने के प्रयास में लगे।
आरोपित जिस सुबोध के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी कर रहा था। सुबोध जनपद हरदोई के प्राथमिक स्कूल श्रीदार नगर में शिक्षक पद पर तैनात है। इस बीच पुलिस को जानकारी मिली कि संतोष से सुबोध बना युवक प्रतापगढ़ से बर्खास्त होने के बाद रायबरेली जनपद में नौकरी कर रहा है। तब पुलिस रायबरेली पहुंच गई।
इसकी भनक लगते ही वह मेडिकल लेकर फरार हो गया। पुलिस आरोपित के असली नाम पता तक पहुंच गई, तो गिरफ्तारी के लिए दबिश देना शुरू कर दी। पुलिस के बार-बार दबिश देने पर आरोपित युवक कोर्ट में शनिवार को सरेंडर कर दिया। वहां से उसे जिला कारागार भेज दिया गया। एसपी सतपाल अंतिल ने विवेचक को 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया है