टाइम से स्कूल न पहुंचने व विद्यालय से गायब रहने वाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई, कटेगा वेतन

 नोएडा,  जिले के चारों ब्लाक में स्थित परिषदीय स्कूलों के छात्रों का नामांकन बढ़ा है। परिषदीय स्कूलों में छात्रों का कुल नामांकन 90 हजार हो गया है। सितंबर तक नामांकन की प्रकिया जारी रहेगी। शिक्षा विभाग ने एक लाख से अधिक छात्रों का नामांकन कराने का लक्ष्य रखा है।

गौतमबुद्ध नगर में आउट आफ स्कूल छात्रों का दाखिला कराने में जिला प्रदेश में पहले पायदान पर है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण में स्थापित फैक्ट्री के सीएसआर फंड से स्कूलों का कायाकल्प कराया जा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में कायाकल्प योजना में करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

अभिभावक शिक्षक बैठक में अभिभावकों ने कई कमियों को बताया है। उन कमियों को तत्काल हल कराने के अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए। स्कूलों में समय से नहीं पहुंचने वाले शिक्षकों पर भी विभाग का रुख सख्त है। बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े मुद्दे पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी से संवाददाता अंकुर त्रिपाठी ने बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसके कुछ अंश...।

जिले की गिनती प्रदेश में हाईटेक शहर के रूप में होती है। उसके बाद भी कई परिषदीय स्कूलों में सुविधाओं का टोटा है?

जिले में कायाकल्प योजना में स्कूलों में सुविधाओं पर कार्य हो रहा है। तीनों प्राधिकरण और सीएसआर फंस से स्कूलों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। डिजिटल कक्षाओं से लेकर अन्य सुविधाएं विकसित करने के लिए करीब 40 से अधिक निजी संस्थाएं भी आगे आई है।

कुछ स्कूलों में सुविधाओं की कमी है। उन्हें भी दूर किया जा रहा है। महीने में करीब 20 स्कूलों का स्वयं निरीक्षण करती हूं, जहां कमियां मिलती हैं, उन्हें हल कराया जाता है।


आरटीई के तहत सूची में नाम आने वाले कई छात्रों के प्रवेश अभी तक नहीं हो पाएं है। आखिर स्कूलों की मनमानी पर रोक क्यों नहीं लग रही?


आरटीई के तहत निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीट पर करीब ढाई हजार छात्रों के प्रवेश हो चुके। कई अभिभावकों के आय प्रमाण पत्र के गलत होने की शिकायत स्कूलों की ओर से की गई है।


तहसील स्तर पर उनकी जांच कराई जा रही है। पात्र अभिभावकों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। उनके बच्चों का दाखिला कराया जाएगा।


जिलाधिकारी की ओर से बनाई गई कमेटी ने स्कूलों के प्रबंधकों के साथ बैठक की है। स्कूलों ने अब तक लिए दाखिलों की जानकारी दी है। जिन छात्रोंं के दाखिले अभी तक नहीं लिए है। उनकी भी जानकारी दी है।


कार्यालय में आने वाले अभिभावकों के सामने खुद स्कूलों को प्रबंधकों से फोन पर बात करके दाखिले लेने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं। कई स्कूलों को नोटिस भेजे जा चुके है।


नोटिस देने के बाद भी दाखिले नहीं लेने वाले स्कूलों के प्रधानाचार्य को तलब की बात की जा रही है। इस सत्र में शत प्रतिशत दाखिले कराने का लक्ष्य रखा गया है।


बिना मान्यता के बिसरख,दादरी,सूरजपुर में कई स्कूल संचालित है। इन स्कूलों पर क्या कार्रवाई की जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही क्यों तय नहीं की जाती है?


बिना मान्यता संचालित हो रहे स्कूलों पर लगातार विभाग की ओर से कार्रवाई की जा रही है। इन स्कूलों पर छापेमारी के लिए टीम का गठन किया गया है। कई स्कूलों को नोटिस जारी करके मान्यता के कागज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है।


अभिभावकों से भी अनुरोध हैं कि उन्हें अगर कही बिना मान्यता के स्कूल संचालित मिले तो वह बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय को अवगत कराएं। उनका नाम गुप्त रखा जाएगा।


प्रदेश में सबसे पहले जिले को निपुण घोषित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य पूरा करने के लिए क्या योजना है?


जिले को प्रदेश में सबसे पहले निपुण घोषित करने के लिए संकुल से लेकर एसआरजी,एआरपी और डायट मेंटर को स्कूल आवंटन किये गए है। सभी को तय समय पर स्कूलों को निपुण घोषित करना होगा।


चारों ब्लाक में करीब 50 प्रतिशत स्कूल निपुण हो चुके है। डायट प्राचार्य स्वयं निपुण स्कूलों की समीक्षा कर रहे है। दिसंबर तक गौतमबुद्ध नगर को निपुण जिला घोषित कर दिया जाएगा।


कई योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रदेश में टाप पांच में गौतमबुद्ध नगर शामिल है। यह संभव कैसे हुआ?


कहते हैं कि टीम वर्क के साथ यदि कोई कार्य किया जाता है तो सफलता जरूर हाथ लगती है। विभाग के हर सदस्य के काम के प्रति समर्पण के कारण ही संभव हो पाया है।


इसके साथ ही शिक्षकों की मेहनत का नतीजा हैं कि कई योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश में टाप पांच में गौतमबुद्ध नगर भी शामिल है।


डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना से कोई भी छात्र योजना के लाभ से वंचित न रह पाएं। इसके लिए क्या योजना बनाई गई है?


जिले में प्रवासी कामगार के बच्चे अधिक पढ़ते है। कई छात्र बीच सत्र में जनपद को छोड़कर चले जाते है। वही छात्र डीबीटी योजना से वंचित रह जाते है। पहली बार जून में ही करीब 30 हजार छात्रों के अभिभावकों के खातों में 1200-1200 रुपये पहुंच गए है।


जिन छात्रों और उनके अभिभावकों का आधार कार्ड नहीं हैं। उनका स्कूलों में आधार बनवाया जाएगा। कोई भी छात्र इस सत्र में योजना से वंचित नहीं रहेगा।


स्कूलों से निरीक्षण के दौरान शिक्षक लगातार गायब मिल रहे हैं। इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है?



महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के निर्देश हैं कि स्कूलों में लगातार निरीक्षण अभियान चलाया जाए। जनपद स्तरीय सभी टीम स्कूलों में पहुंचकर गैर हाजिर मिलने वाले शिक्षकों को चिह्नित कर रही है।


गैरहाजिर मिलने वाले शिक्षकों का एक दिन का वेतन रोक जा रहा है। दूसरी बार गैरहाजिर मिलने वाले शिक्षकों का पूरे माह का वेतन जारी नहीं किया जायेगा।


परिषदीय स्कूलों में आने वाले समय में क्या बदलाव दिखाई देंगे। इसके लिए क्या कोई कदम उठाए जा रहे है?


परिषदीय स्कूलों के शिक्षक नवाचार का प्रयोग कर छात्रों को पढ़ा रहे है। कई स्कूलों में खेल के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। जिले के हर स्कूल में स्मार्ट क्लास रूम की सहायता से छात्रों को पढ़ाना सुनिश्चित कराया जाएगा।


शिक्षकों से सुझाव मांगे गए हैं। जल्द आने वाले दिनों में परिषदीय स्कूलों में कई बदलाव दिखाई देंगे। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के मेंटर की भी मदद ली जाएगी।