पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण ने एनपीएस के तहत पेंशन निकासी के नियमों में बदलाव किए हैं। इसके अनुसार, एनपीएस सदस्यों को पेंशन खाते से 25 फीसदी से अधिक राशि निकालने की अनुमति नहीं होगी। नए प्रावधान एक फरवरी से लागू होंगे।
अधिसूचना के अनुसार, कोई भी एनपीएस खाताधारक अपने व्यक्तिगत पेंशन खाते से ही राशि निकाल सकेगा। नियोक्ता के योगदान से निकासी की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही खाते से अधिकतम तीन बार ही पैसा निकाला जा सकेगा।
पेंशन नियामक ने एनपीएस सदस्यों के लिए पेनी ड्रॉप सत्यापन सुविधा शुरू की है। इसके तहत सेंट्रल रिकॉर्ड एजेंसी किसी सदस्य के बैंक खाते की मौजूदा स्थिति की जांच करती हैं और खाते में नाम को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर में नाम और जमा किए गए दस्तावेजों के साथ मिलान करती है। लाभार्थी के बैंक खाते में एक रुपये भेजकर उसे सत्यापित किया जाता है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस की तरफ निजी क्षेत्र का रुझान बढ़ता दिख रहा है। चालू वित्तवर्ष में 13 जनवरी, 2024 तक इसमें प्रबंधन के तहत संपत्ति 2.09 लाख करोड़ के पार पहुंच गई। साथ ही इसका कुल ग्राहक आधार बढ़कर 51.8 लाख हो गया है। इसमें कॉर्पोरेट ग्राहकों की संख्या पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 16 फीसदी की वृद्धि के साथ 18.94 लाख तक पहुंच गई है।
संपत्ति 11 लाख करोड़
इस योजना के तहत कुल प्रबंधन के तहत संपत्ति 11 लाख करोड़ रुपए हो गई है। निजी क्षेत्र का निवेश का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपए का हो गया है। पीएफआरडीए के चेयरमैन दीपक मोहंती ने बताया कि योजना के तहत निवेशकों को म्युचुअल फंड चुनने के पर्याप्त विकल्प दिए गए हैं। साथ ही टियर 2 में भी 100 फीसदी निवेश का प्रभावी किया गया है।
आंशिक निकासी की शर्तें
● कम से कम तीन साल तक एनपीएस का सदस्य जरूरी
● अधिकतम तीन बार निकासी
● दूसरी और तीसरी बार निकासी राशि का निर्धारण पहले वाली राशि के आधार पर होगा
● बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए, घर खरीदने के लिए, मेडिकल आपातकाल, विकलांगता या अक्षमता की स्थिति में
खाताधारक को सबसे पहले अनुरोध करना होगा। साथ ही पैसे निकालने का कारण बताया होगा। इसके बाद सेंट्रल रिकॉर्ड एजेंसी अनुरोध की जांच करेगी। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने होने के बाद राशि सदस्य के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।